महाकुम्भ 2025 : कब होगा तीसरा अमृत स्नान, अब तक दो स्नान हो चुके पूरे, जानें शुभ मुहूर्त और नियम

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Jan 15, 2025 20:07

महाकुंभ मेला प्रयागराज में शुरू हो चुका है। 13 जनवरी से शुरू हो चुके इस मेले में अब तक दो स्नान हो चुके हैं। पहला स्नान 13 जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा पर हुआ था। इसका दूसरा शाही स्नान भी खत्म हो गया है। वहीं इसका तीसरा स्नान अब 29 जनवरी को होगा।

Short Highlights
  • अब तक दो स्नान हो चुके हैं पूरे
  • 29 जनवरी को होगा तीसरा अमृत स्नान
  • स्नान करने से सभी पापों का होता है नाश
Prayagraj News : महाकुंभ मेला प्रयागराज में शुरू हो चुका है। 13 जनवरी से शुरू हो चुके इस मेले में अब तक दो अमृत स्नान हो चुके हैं। पहला स्नान 13 जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा पर हुआ था। इसका दूसरा स्नान भी खत्म हो गया है। इस बार शाही स्नान को अमृत स्नान कहा गया है। यह मेला 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। महाकुंभ मेला 45 दिनों तक चलता है। कहा जाता है कि इसमें एक बार स्नान करने से भक्तों के सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह महाकुंभ 12 साल में लगता है। वहीं इसका तीसरा स्नान अब 29 जनवरी को होगा।

29 जनवरी को तीसरा अमृत स्नान
29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि इस दिन पवित्र नदी के जल से स्नान करने से आत्मा शुद्ध होती है। महाकुंभ में यदि कोई पितरों का तर्पण करना चाहता है, तो मौनी अमावस्या का दिन इसके लिए खास रहेगा। इस दिन संगम किनारे पितरों का श्राद्ध कर्म करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है। इसके अलावा, मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा विश्वास है।


शाही स्नान के नियम
महाकुंभ में शाही स्नान के दौरान कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है। सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं, जिन्हें सदियों से स्नान करने की प्राथमिकता दी जाती है, और इसके पीछे धार्मिक मान्यता है। इसके बाद गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों के लिए भी कुछ विशिष्ट नियम हैं। उन्हें नागा साधुओं के बाद ही संगम में स्नान करना चाहिए और स्नान करते समय पांच डुबकियां लगाना अनिवार्य है, तभी स्नान को पूरा माना जाता है। इसके अलावा, स्नान के दौरान साबुन या शैंपू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे पवित्र जल को अशुद्ध करने वाला माना जाता है।

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