Mahakumbh 2025 : संयम, साधना और तप का केंद्र बनेगा कल्पवास, सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम

UPT | Mahakumbh

Dec 17, 2024 19:41

आगामी महाकुंभ 2025 में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के पावन तट पर संयम, साधना और तप का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।

Prayagraj News : आगामी महाकुंभ 2025 में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के पावन तट पर संयम, साधना और तप का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। पौष पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले कल्पवास के लिए इस बार प्रशासन ने भव्य और विस्तृत तैयारियां की हैं। योगी सरकार ने कल्पवासियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता और ठंड से बचाव के विशेष इंतजाम किए हैं।

सात लाख से अधिक कल्पवासियों के लिए तैयारियां
महाकुंभ 2025 के दौरान संगम तट पर लगभग सात लाख श्रद्धालु कल्पवास करेंगे। कल्पवासियों की संख्या में हर बार बढ़ोतरी देखी जाती है। महाकुंभ एडीएम विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, श्रद्धालुओं की आयु और अवस्था को ध्यान में रखते हुए 900 बीघे क्षेत्रफल में कल्पवासियों के शिविर लगाए जा रहे हैं। गंगा के किनारे तंबुओं की व्यवस्था की गई है ताकि कल्पवासी सुबह के समय गंगा स्नान के लिए आसानी से जा सकें। कल्पवास के दौरान श्रद्धालु पूरे एक महीने संयम, साधना और भक्ति में लीन रहते हैं।

स्वच्छता पर विशेष जोर
प्रयागराज महाकुंभ को भव्य और स्वच्छ स्वरूप देने के लिए योगी सरकार ने विशेष योजना तैयार की है। एसडीएम अभिनव पाठक के मुताबिक, कल्पवासियों के शिविरों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कलर कोडेड डस्टबिन लगाए जाएंगे। गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा गंगा तट पर भी कूड़ा न जमा हो, इसके लिए पर्याप्त डस्टबिन रखे जाएंगे। साथ ही, श्रद्धालुओं से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की जाएगी। जागरूकता के लिए शिविरों के बाहर पोस्टर लगाए जाएंगे।



शीतलहर से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था
माघ मास में कल्पवास के दौरान कड़ाके की ठंड पड़ती है, जो बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ठंड से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। एसडीएम अभिनव पाठक ने बताया कि कल्पवासियों के शिविरों के बाहर अलाव जलाने की व्यवस्था की जाएगी ताकि शीतलहर से राहत मिल सके।

भक्ति और अध्यात्म का अद्वितीय संगम
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक समागम है। यहां जप, तप और संयम की त्रिवेणी प्रवाहित होती है। पौष पूर्णिमा से शुरू होकर पूरे महीने चलने वाला कल्पवास श्रद्धालुओं के लिए आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है। इस बार योगी सरकार के विशेष प्रयासों से कल्पवासियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप देने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

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