महाकुंभ 2025 : कारोबारियों की बढ़ी टेंशन, इंडस्ट्रियों के लिए जारी होगा नया रोस्टर

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Jan 02, 2025 16:33

महाकुंभ के दौरान प्रदूषण रोकने के लिए टेनरियों (चमड़ा बनाने के कारखाने) का पाबंदी रोस्टर जारी कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने अन्य उद्योगों को भी रोस्टर के आधार पर संचालित करने का निर्णय लिया है।

Short Highlights
  • जल और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए विशेष कदम
  • औद्योगिक इकाईयों का संचालन रोस्टर के तहत किया जाएगा
  • टेनरियों का पाबंदी रोस्टर जारी
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ के दौरान 45 दिनों तक जल और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए विशेष कदम उठाया गया है। महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। इसको देखते हुए जल प्रदूषण के साथ ही अन्य प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए औद्योगिक इकाईयों का संचालन रोस्टर के तहत किया जाएगा।

टेनरियों के लिए प्रबंधन रोस्टर जारी
महाकुंभ के दौरान प्रदूषण रोकने के लिए टेनरियों (चमड़ा बनाने के कारखाने) का पाबंदी रोस्टर जारी कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने अन्य उद्योगों को भी रोस्टर के आधार पर संचालित करने का निर्णय लिया है। प्रशासनिक अधिकारी इस रोस्टर को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। शुष्क इकाइयों को इस रोस्टर से बाहर रखा जाएगा, और यह निर्धारित किया जाएगा कि किस दिन किन इंडस्ट्रियों को संचालित करने की अनुमति मिलेगी, जिसे जिला स्तर की अनुश्रवण समिति तय करेगी।


तीन दिन पहले बंद कर दी जाएंगी टेनरियां
महाकुंभ को लेकर टेनरियों (चमड़ा बनाने के कारखानों) का 24 दिनों का बंदी रोस्टर जारी किया गया है। इस रोस्टर के अनुसार, पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के स्नान से तीन दिन पहले टेनरियों को बंद कर दिया जाएगा। इस दौरान कमेटियां नियमित रूप से सघन निरीक्षण करेंगी और रिपोर्ट यूपीपीसीबी के पोर्टल पर अपलोड करेंगे। यदि निरीक्षण में टेनरियों से दूषित जल गंगा में मिलता है, तो संबंधित विभाग और टेनरियों के खिलाफ बंदी और जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

आठ टीमें निरीक्षण और निगरानी में जुटी
दादा नगर, फजलगंज, पनकी औद्योगिक क्षेत्र, रूमा औद्योगिक क्षेत्र, सीईटीपी, एसटीपी और सीवेज नालों की टैपिंग, बायोरेमिडिएशन और फाइटोरेमेडिएशन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए आठ टीमें गठित की गई हैं। इन टीमों में 29 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं, जो औद्योगिक निरीक्षण और निगरानी के कार्य में जुटे हुए हैं। गंगा नदी के पानी के नमूनों को प्रतिदिन लेकर उनका विश्लेषण किया जा रहा है और रिपोर्ट को यूपीपीसीबी की साइट पर अपलोड किया जा रहा है, ताकि पर्यावरणीय निगरानी को सुनिश्चित किया जा सके।

शुष्क इकाइयों पर रोस्टर लागू नहीं
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अमित मिश्र ने बताया कि महाकुंभ के दौरान टेनरियों के साथ ही अन्य उद्योगों के संचालन के लिए एक विशेष रोस्टर जारी किया जाएगा। हालांकि, पूर्णरूप से शुष्क इकाईयों और आवश्यक सेवाओं से संबंधित इकाईयों के संचालन में यह रोस्टर लागू नहीं होगा। इसके बावजूद, सभी उद्योगों की निगरानी निरंतर की जाएगी ताकि प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके और महाकुंभ के दौरान पर्यावरण पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

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