महाकुंभ में संत को हार्ट अटैकः महंत अजय गिरी को CPR देकर बचाई जान, इलाज जारी

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jan 18, 2025 11:40

शोभायात्रा  के दौरान रथ पर सवार अखाड़े के महंत अजय गिरी अचानक से अचेत हो गए। मौजूद लोग हकबका गए। गनीमत रही कि समय रहते उनको सटीक इलाज मिल गया, जिससे उनकी हालत में सुधार आया..

Prayagraj News: महाकुंभ में भक्तों और संतो का तांता लगा हुआ है। असंख्य लोग पहुंच रहे हैं। त्रिवेणी संगम में डुबकी तो लगा ही रहे हैं। लेकिन उन्हें ठंड का भी प्रकोप झेलना पड़ रहा है। इसी बीच खबर है कि मकर संक्राति स्नान से निकाली गई शोभायात्रा  के दौरान रथ पर सवार अखाड़े के महंत अजय गिरी अचानक से अचेत हो गए। मौजूद लोग हकबका गए। गनीमत रही कि समय रहते उनको सटीक इलाज मिल गया, जिससे उनकी हालत में सुधार आया।

बता दें कि महंत अजय गिरी को वहां सेगुजर रहे लैब टेक्नीशियन अजय शुक्ला ने आनन- फाननमें अपने रथ को रोक दिया और चित पड़े अजय गिरी को सीपीआर दिया उनको होश में लाया गया। साथ ही मेला क्षेत्र में कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की तत्काल कार्रवाई से 2 और  लोगों की जान बचाई गई। 

इन लोग भी हुए बिमार
मकर संक्रांति की शोभायात्रा के दौरान महंत अजय गिरि के अचानक बेहोश होने पर, केंद्रीय अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अजय शुक्ला ने मौके पर ही सीपीआर देकर उनकी जान बचाई। दूसरा मामला 66 वर्षीय संध्या देवी का था, जिन्हें केंद्रीय चिकित्सालय में अचेत अवस्था में लाया गया। उनका शुगर लेवल और ऑक्सीजन स्तर बेहद कम था। इस जीवनरक्षक प्रक्रिया ने आह्वान अखाड़े के महंत अजय गिरि, महंत ननकू गिरि और एक वरिष्ठ महिला को नई जिंदगी दी।  डॉ. आशुतोष यादव और उनकी टीम ने तत्काल सीपीआर प्रक्रिया शुरू कर उनकी जान बचाई। 

तीसरी घटना में, मेले के सेक्टर दो स्थित केंद्रीय चिकित्सालय में 35 वर्षीय महंत ननकू गिरि को बिना पल्स और हार्ट बीट के लाया गया। आईसीयू में तैनात डॉ. सिद्धार्थ पांडेय ने लगभग 12 मिनट तक सीपीआर देकर उनकी जान बचाई।

इन तीनों घटनाओं ने सीपीआर की महत्ता को एक बार फिर साबित किया है। यह प्रक्रिया कार्डियक अरेस्ट के मामलों में जीवनरक्षक साबित होती है, और समय पर दी गई सीपीआर किसी की जान बचा सकती है। 
 

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