महंत ने तीन करोड़ में बेच दिया मठ : निरंजनी अखाड़े में मचा हड़कंप, पंच परमेश्वर करेंगे जांच

UPT | निरंजनी अखाड़ा और अध्यक्ष महंत रवींद्र पूरी जी की फाइल फोटो

Nov 09, 2024 23:39

प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े के एक महंत ने तीन करोड़ रुपये में अलोपीबाग स्थित मठ का भवन बेच दिया है। भवन के सौदे की जानकारी मिलने के बाद पंच परमेश्वर की जांच बैठाई गई है।

Short Highlights
  • महंत महावीर गिरि को अलोपीबाग में एक संत को मृतक दिखाकर अखाड़े का भवन बेचने का दोषी पाया गया 
  • महावीर गिरि को निरंजनी अखाड़े की सभी संपत्तियों से बेदखल करने का भी निर्णय लिया गया 
Prayagraj News : प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े के एक महंत ने तीन करोड़ रुपये में अलोपीबाग स्थित मठ का भवन बेच दिया है। भवन के सौदे की जानकारी मिलने के बाद पंच परमेश्वर की जांच बैठाई गई है। इसके साथ ही निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने पंच परमेश्वर की रिपोर्ट के आधार पर भवन बेचने के आरोपी महंत महावीर गिरि चोटी को अखाड़े से बर्खास्त कर उसके खिलाफ एफआईआर कराने के लिए तहरीर भी दे दी गई है। तहरीर मिलने के बाद दारागंज थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब इस मामले की जांच में जुटी हुई है।

निरंजनी अखाड़े के पास कई राज्यों में है करोड़ों की चल और अचल संपत्ति
निरंजनी अखाड़े की संगमनगरी के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र समेत करोड़ों रुपये की भूमि और भवनों की संपदा है। शहर के अलोपीबाग स्थित भवन संख्या 387/123 को महंत महावीर गिरि चेला लक्ष्मी नारायण गिरि ने वाराणसी की अस्सी निवासिनी रितिका पांडेय के नाम तीन करोड़ रुपये में बेच दिया है। इस भवन पर महंत महावीर गिरि के साथ ही महंत आनंद गिरि का भी नाम दर्ज था। लेकिन, महावीर गिरि ने फर्जी वसीयतनामा बनवाकर और महंत आनंद गिरि को रिकॉर्ड में मृतक दिखाकर भवन का सौदा कर डाला। 

पंच परमेश्वर के मुताबिक मठ महावीर गिरी ने बेचा
पंच परमेश्वर की रिपोर्ट के मुताबिक जब यह भवन महंत महावीर गिरि ने बेचा तब आनंद गिरि जीवित थे। जबकि महंत आनंद गिरि ने उस भवन के अलावा अन्य भवन और भूमि का अपने शिष्य महंत राम सेवक गिरि के नाम से रजिस्टर्ड वसीयतनामा कर पहले ही कर दिया था। अलोपीबाग का भवन बिकने की जानकारी मिलने के बाद महंत राम सेवक गिरि ने दारागंज थाने में महंत महावीर गिरि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी है। उधर अलोपीबाग में मठ बिकने की जानकारी मिलने के बाद पंचायती अखाड़ा निरंजनी की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई। 

महावीर गिरी को अखाड़े से किया निष्कासित, संपत्तियों से किया बेदखल
निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की मौजूदगी में हुई इस बैठक में महंत महावीर गिरि को भवन बेचने के आरोप में अखाड़े से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया। साथ ही महावीर गिरि को निरंजनी अखाड़े की सभी मढ़ियों और संपत्तियों से बेदखल करने का भी निर्णय लिया गया। इस बैठक में बलबीर गिरि, दिगंबर उमेश भारती, दिगंबर गंगा गिरि, दिगंबर राकेश गिरि, महंत ओंकार गिरि, महंत नरेश गिरि और अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी शामिल थे। महंत महावीर गिरि को अलोपीबाग में एक संत को मृतक दिखाकर अखाड़े का भवन बेचने का दोषी पाया गया है। 

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