Prayagraj High Court : दस रुपये के स्टांप पर भंग नहीं हो सकती शादी, हाईकोर्ट ने कही बड़ी बात

UPT | Prayagraj High Court

Mar 13, 2024 14:22

प्रयागराज हाईकोर्ट में दो हिंदुओं के बीच विवाह को केवल हिंदू विवाह अधिनियम के तहत दिए गए तरीकों से ही भंग किए जाने की बात कही है। दरअसल हाईकोर्ट के जस्टिस...

Prayagraj News : प्रयागराज हाईकोर्ट में दो हिंदुओं के बीच विवाह को केवल हिंदू विवाह अधिनियम के तहत दिए गए तरीकों से ही भंग किए जाने की बात कही है। दरअसल हाईकोर्ट के जस्टिस सुभाष विद्यार्थी ने श्रावस्ती जिले के रहने वाले हैं एक पति द्वारा की गई याचिका पर यह टिप्पणी की है। इसके साथ उन्होंने कहा की 10 रुपये के स्टांप पेपर पर एक तरफ घोषणा के बाद कोई भी शादी खत्म नहीं की जा सकती।

आपको बता दें कि यह मामला श्रावस्ती जिले में रहने वालें एक युवक का है। याची पति को पारिवारिक न्यायालय ने पत्नी को हर माह 2200 रुपये भरण पोषण अदा करने का आदेश दिया गया था। जिसके बाद भी पति ने इस आदेश को चुनौती देते हुए दलील दी कि प्रतिवादी पत्नी ने पारिवारिक न्यायालय में दाखिल भरण पोषण की अर्जी में यह तथ्य छुपाया है कि इलाकाई रीति रिवाज के मुताबिक वर्ष 2005 में विवाह विच्छेद हो गया है। 

इसके बाद पति ने 2008 में दूसरी महिला से शादी कर ली है, जिससे उसे तीन बेटे हैं। 14 साल बाद दाखिल अर्जी में यह भी नही बताया कि वह इतने समय से अपना जीवन यापन किया कैसे कर रही थी। पारिवारिक न्यायालय में हुई बातचीत के दौरान पति ने बताया कि उसके अब तक तीन विवाह किए हैं। पहला बाल विवाह था। बाल विवाह को साल 2002 में खत्म किया, इसके बाद दूसरी वाली पत्नी से 2005 संबंध विच्छेद हुआ। इसके बाद 2008 में तीसरी शादी कर अपना जीवन व्यतीत कर रहा हूं।

पति की दलीलें हुई खारिज
हाईकोर्ट ने पति की दलीलों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह संस्कार है। इसे दस रुपये के स्टांप पर निष्पादित एकपक्षीय घोषणा पत्र के जरिए भंग नही नही किया जा सकता। इसलिए मौजूदा मामले में याची और प्रतिवादी का विवाह भंग नहीं माना जा सकता।

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