Pratapgarh News : प्रमोद तिवारी ने राहुल गांधी पर FIR को बताया तानाशाही, बोले- BJP ने संसदीय इतिहास में जोड़ा काला पन्ना

UPT | प्रमोद तिवारी

Dec 21, 2024 18:53

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अपमान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणी पर कोई कार्रवाई नहीं की...

Pratapgarh News : राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अपमान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणी पर कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि उनका समर्थन किया। प्रमोद तिवारी ने इसे संविधान निर्माता के प्रति अपमान करार देते हुए कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री भी जिम्मेदार हैं।

पीएम मोदी के इस्तीफे की मांग
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री ने संविधान की शपथ ली है, तो उनके द्वारा एक मंत्री के ऐसे बयान का समर्थन करना उनके पद की गरिमा को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की। प्रमोद तिवारी ने स्पष्ट किया कि यह आवाज अब कांग्रेस पार्टी मजबूती से जनता के बीच उठाएगी और डॉ. अंबेडकर के प्रति इस अपमान का विरोध किया जाएगा।



राहुल ने नहीं कि धक्का-मुक्की- प्रमोद तिवारी
प्रमोद तिवारी ने शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की कार्रवाई में भाजपा द्वारा की गई बाधाओं को लेकर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल ने संसद की मर्यादा और परंपराओं के खिलाफ जाकर हंगामा किया। इसके साथ ही, उन्होंने लोकसभा में राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को भी तानाशाही भरा कदम बताया और कहा कि संसद भवन के फुटेज से साफ है कि राहुल गांधी ने किसी प्रकार की धक्का-मुक्की नहीं की थी।

बांग्लादेश को लेकर क्या बोले
विपक्ष के उपनेता ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न से ध्यान भटकाने के लिए राजनीतिक हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी सरकार अदाणी के जरिए बांग्लादेश को सस्ती बिजली मुहैया करवा रही है, जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान में भारतीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

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