प्रयागराज महाकुंभ 2025 : कोई भी श्रृद्धालु नहीं रहेगा भूखा, मुफ्त राशन की सुविधा उपलब्ध कराएगी योगी सरकार

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Oct 20, 2024 13:42

महाकुंभ के दौरान कई दिनों तक रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए राशन कार्ड बनवाने का प्रावधान है, जिससे वे राशन प्राप्त कर सकेंगे। पहले से मौजूद राशन कार्ड धारकों को भी राशन उपलब्ध कराया जाएगा...

Short Highlights
  • प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं के भोजन के लिए होगी व्यवस्था
  • श्रद्धालुओं के लिए आयोजित किए जाएंगे भंडारे 
  • श्रद्धालुओं के लिए राशन कार्ड बनवाने का भी प्रावधान 
Pratagraj News : प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की भोजन व्यवस्था के लिए योगी सरकार ने व्यापक योजनाएं बनाई हैं। मेला क्षेत्र में किसी भी श्रद्धालु या कल्पवासी को भूखे नहीं सोने दिया जाएगा। इसके व्यवस्था के तहत, श्रद्धालुओं के लिए भंडारे आयोजित किए जाएंगे, साथ ही मुफ्त राशन की भी सुविधा उपलब्ध होगी। महाकुंभ के दौरान कई दिनों तक रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए राशन कार्ड बनवाने का प्रावधान है, जिससे वे राशन प्राप्त कर सकेंगे। पहले से मौजूद राशन कार्ड धारकों को भी राशन उपलब्ध कराया जाएगा।

राशन की दुकानों की होगी स्थापना
खाद्य एवं रसद विभाग ने मेला क्षेत्र में 160 उचित दर वाली राशन की दुकानों की स्थापना की योजना बनाई है, जहां जनवरी और फरवरी में राशन वितरित किया जाएगा। राशन के भंडारण के लिए 5 गोडाउन भी बनाए जाएंगे। इस पूरे कार्यक्रम पर 43 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाने का अनुमान है, ताकि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिल सके।



खुद खाना बनाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा
एडीएम मेला विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, महाकुंभ में कई ऐसे श्रद्धालु आते हैं जो कई-कई दिनों तक मेला में प्रवास करते हैं। इन्हें कल्पवासी कहा जाता है। ये अपना भोजन स्वयं पकाते हैं। इनकी सुविधा के लिए खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से पूरे मेला क्षेत्र के सभी सेक्टर्स में उचित दर वाली कुल 160 राशन की दुकानें स्थापित की जा रही हैं। जहां न सिर्फ इनका राशन कार्ड बनाया जाएगा, बल्कि इन्हें राशन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। जिनके पास पहले से ही राशन कार्ड है, उन्हें भी सुविधा प्राप्त होगी। यह सुविधा दो बार यानी जनवरी और फरवरी 2025 में उपलब्ध कराई जाएगी। राशन की कमी न हो, इसके लिए मेला क्षेत्र के अंदर ही 5 गोडाउन भी स्थापित किए जा रहे हैं। 

एलपीजी सिलेंडरों के लिए अलग से होंगे आउटलेट्स
इस परियोजना के अनुसार कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं को खाद्यान्न, चीनी एवं रसोई गैस उपलब्ध कराया जाएगा। एलपीजी सिलेंडरों की बिक्री के लिए अलग से आउटलेट्स लगाए जाएंगे। 10 लाख स्थायी आबादी के अलावा, अस्थायी आबादी के भोजन के लिए भंडारों का आयोजन किया जाएगा, जहां प्रतिदिन राशन की आपूर्ति की जाएगी। अनुमान के मुताबिक, एक राशन कार्ड में 5 लोग होते हैं तो इस लिहाज से दो माह में तकरीबन 2 लाख राशन कार्ड की आवश्यकता होगी। खास बात ये भी होगी कि इस सुविधा का लाभ बड़े अखाड़ों और शिविरों में रहने वाले श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को भी मिलेगा। 

प्रति व्यक्ति मिलेगा इतना गेहूं और चावल 
बता दें कि परियोजना के तहत राशन कार्ड धारक को 3 किलो प्रति व्यक्ति के हिसाब से गेहूं/आटा प्रदान किया जाता है, जबकि प्रति व्यक्ति 2 किलो चावल (फोर्टिफाइड) की आपूर्ति होगी। इसी तरह 2 किलो चीनी (प्रति व्यक्ति), 2 ली. मिट्टी का तेल (प्रति राशन कार्ड) और एक डॉमेस्टिक गैस कनेक्शन प्रदान किया जाता है। डॉमेस्टिक गैस कनेक्शन को एक बार रीफिल कराने की भी सुविधा मिल सकती है।

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