Mahakumbh 2025 : छावनी क्षेत्र में हुआ श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी का भव्य प्रवेश, दर्जनों महामंडलेश्वर हुए शामिल

UPT | श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी का भव्य प्रवेश

Jan 02, 2025 17:49

महाकुंभ क्षेत्र में सनातन धर्म के ध्वज वाहक अखाड़ों के प्रवेश का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने राजसी वैभव के साथ छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया। इस दौरान शहर भर में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर संतों का भव्य स्वागत किया गया।

Short Highlights
  • सनातन धर्म के ध्वज वाहक अखाड़ों के प्रवेश का सिलसिला जारी
  • श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने छावनी क्षेत्र में किया प्रवेश
  • चार महिला मंडलेश्वर यात्रा का हिस्सा बनीं
     
Prayagraj News : महाकुंभ क्षेत्र में सनातन धर्म के ध्वज वाहक अखाड़ों के प्रवेश का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने राजसी वैभव के साथ छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया। इस दौरान शहर भर में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर संतों का भव्य स्वागत किया गया। कुम्भ मेला प्रशासन ने भी अखाड़े के महात्माओं का स्वागत करते हुए उनका सम्मान किया। अखाड़े के आगमन ने महाकुंभ के माहौल को और भव्य बना दिया।

महा निर्वाणी अखाड़े का भव्य प्रवेश
सनातन धर्म के 13 अखाड़ों में सबसे धनवान कहे जाने वाले श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने अलोपी बाग के निकट स्थित छावनी क्षेत्र से अपनी यात्रा शुरू की। इस यात्रा का नेतृत्व आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद जी ने किया। अखाड़े के इष्ट भगवान कपिल जी का रथ सबसे पहले यात्रा में था, इसके बाद आचार्य महामंडलेश्वर का भव्य रथ श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए आगे बढ़ा। इस यात्रा में नागा संन्यासियों और महा मंडलेश्वरों की फौज शामिल थी, जिसने अखाड़े के प्रवेश को और अधिक भव्यता प्रदान की।


महा निर्वाणी अखाड़े में महिलाओं को विशेष स्थान
महाकुंभ क्षेत्र में नारी शक्ति को हमेशा प्रमुख स्थान देने वाले श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी में नारी शक्ति की झलक देखने को मिली। अखाड़े ने हमेशा मातृ शक्ति को विशेष सम्मान दिया है और अखाड़ों में महिला महा मंडलेश्वरों का स्थान भी महा निर्वाणी अखाड़े ने सबसे पहले सुनिश्चित किया। अखाड़े के सचिव महंत जमुना पुरी ने बताया कि साध्वी गीता भारती को अखाड़ों की पहली महा मंडलेश्वर बनने का गौरव 1962 में प्राप्त हुआ था। इसके बाद, संतोष पुरी ने गीता का प्रवचन करते हुए इस सम्मान को हासिल किया और उन्हें गीता भारती नाम से नवाजा गया।

चार महिला मंडलेश्वर यात्रा का हिस्सा बनीं
महाकुंभ के छावनी प्रवेश यात्रा में नारी शक्ति की इस झलक को और स्पष्ट रूप से देखा गया, जब चार महिला मंडलेश्वर इस यात्रा का हिस्सा बनीं। इसके अलावा, वीरांगना वाहिनी सोजत की झांकी भी यात्रा में शामिल थी, जिसमें महिलाओं की शक्ति और योगदान देखा गया। इस यात्रा के दौरान पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक भी साथ चल रहे थे। पांच किलोमीटर लंबा सफर तय करने के बाद, अखाड़ा शाम को छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया।

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