डिजिटल महाकुंभ : पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग और अटेंडेंस अब बायोमेट्रिक से, रिकॉर्ड मेंटेन करना हुआ आसान

UPT | डिजिटल महाकुंभ

Jan 05, 2025 16:40

डिजिटल महाकुंभ की परिकल्पना को अब उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह साकार कर रही है। जहां पहले कागजों पर दर्ज की जाने वाली पुलिस जवानों की हाजिरी अब डिजिटल तरीके से दर्ज की जा रही है...

Prayagraj News : डिजिटल महाकुंभ की परिकल्पना को अब उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह साकार कर रही है। जहां पहले कागजों पर दर्ज की जाने वाली पुलिस जवानों की हाजिरी अब डिजिटल तरीके से दर्ज की जा रही है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने के दौरान बायोमेट्रिक तरीके से उनकी अटेंडेंस ली जा रही है। जिससे समय की बचत के साथ-साथ रिकॉर्ड को सुरक्षित और सही तरीके से रखना भी आसान हो गया है।

पुलिस जवानों की डिजिटल हाजिरी
 महाकुंभ में सुरक्षा के लिए तैनात किए जाने वाले लगभग 50 हजार पुलिस कर्मियों को कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और अन्य जरूरी कर्तव्यों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कुंभ मेला के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान पुलिस कर्मियों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक तरीके से ली जा रही है। जिससे न केवल रिकॉर्ड की सटीकता बढ़ी है बल्कि हाजिरी लगाने में लगने वाला समय भी कम हुआ है। इसके साथ ही पारंपरिक रजिस्टर के बजाय डिजिटल सिस्टम को अपनाने से रिकॉर्ड मेंटेनेंस को लेकर होने वाली परेशानी से भी राहत मिली है।



प्रशिक्षण से जुड़े सभी पहलू डिजिटल हुए
 महाकुंभ में तैनात होने वाले पुलिस कर्मियों को सॉफ्ट स्किल, आपदा प्रबंधन, भौगोलिक स्थितियों की जानकारी आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन प्रशिक्षणों के दौरान बायोमेट्रिक अटेंडेंस के अलावा पुलिस कर्मियों की संपूर्ण जानकारी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी फीड किया जा रहा है। इससे हर पुलिस कर्मी की पूरी जानकारी और ड्यूटी रिकॉर्ड को तुरंत प्राप्त किया जा सकता है। जिससे किसी भी आपात स्थिति में जानकारी की उपलब्धता में तेजी आती है।

सुरक्षित और दुरुस्त रखने में मदद मिल रही है।
 महाकुंभ मेला में 10 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों की पहले और दूसरे चरण की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। तीसरे चरण का प्रशिक्षण भी अभी चल रहा है। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जनपदों से पुलिस कर्मी इस मेले में ड्यूटी करने के लिए तैनात हुए हैं और उनकी पूरी जानकारी बायोमेट्रिक सिस्टम में फीड की जा रही है। महाकुंभ बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस का यह डिजिटल कदम एक अहम पहल साबित हो रहा है और यह अन्य आयोजनों में भी डिजिटल सुधारों की दिशा में एक मिसाल पेश करेगा।

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