प्रयागराज महाकुंभ में आध्यात्मिकता और परंपराओं के साथ-साथ जल संरक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। मकर संक्रांति के स्नान के बाद जल संरक्षण पर चर्चा के लिए कई सामाजिक और पर्यावरणीय संस्थाएं शामिल होंगी, जिसमें बुंदेलखंड की जल सहेलियां भी अपने अनुभव साझा करेंगी।