महाकुंभ में भगवान शिव और माता पार्वती की कथा सुनाने वाले संन्यासियों ने मेला क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है। आज हम आपको इन जंगम संन्यासियों के इतिहास और महत्व से रूबरू कराएंगे।
Jan 06, 2025 20:22
महाकुंभ में भगवान शिव और माता पार्वती की कथा सुनाने वाले संन्यासियों ने मेला क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है। आज हम आपको इन जंगम संन्यासियों के इतिहास और महत्व से रूबरू कराएंगे।
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जंगम संन्यासियों का ऐतिहासिक योगदान जंगम साधुओं ने प्राचीन काल से लेकर आज तक समाज में धर्म और नैतिक मूल्यों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1. आध्यात्मिक संदेश: जंगम संन्यासी शिव और पार्वती की पवित्र कहानियां सुनाकर भक्ति और साधना का संदेश फैलाते हैं। 2. शिव मंदिरों के पुजारी: जंगम शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों की अध्यक्षता करते हैं। 3. समाज सुधारक: वीरशैव आंदोलन के जरिए उन्होंने जातिवाद और भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया। 4. शिवभक्ति का प्रचार: भारत के विभिन्न राज्यों, जैसे कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और उत्तर प्रदेश, में जंगम परंपरा का गहरा प्रभाव है। जंगम संन्यासियों का वैश्विक प्रभाव जंगम साधुओं की परंपरा न केवल भारत, बल्कि नेपाल और अन्य देशों में भी फैली हुई है।