महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन की तैयारी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी शुभकामनाएं, देशवासियों से सहभागिता की अपील

UPT | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी की फाइल फोटो और संदेश

Jan 09, 2025 16:19

महाकुंभ के आयोजन से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार और अधिकारियों को आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए देशवासियों से इसका हिस्सा बनकर अपनी भागीदारी दर्ज कराने की अपील की है।

Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयागराज में इस बार 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन को लेकर पूरे देश में उत्साह है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की हैं और महाकुंभ को भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया है।

उन्होंने कहा है, महाकुंभ महोत्सव न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में अपनी आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक एकता के लिए प्रसिद्ध है। लाखों श्रद्धालु और पर्यटक संगम में स्नान के लिए जुटते हैं, जिसे पवित्र और पुण्यदायक माना जाता है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की सदियों पुरानी परंपराओं और अद्वितीयता को प्रदर्शित करता है।

राष्ट्रपति का आह्वान 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों से अपील की कि वे इस महोत्सव का हिस्सा बनें और इसे भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक महानता का प्रतीक बनाने में योगदान दें। महाकुंभ 2025 न केवल आध्यात्मिक अनुभव होगा, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने का भी अवसर बनेगा।

महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ को विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मानवता, शांति और सद्भाव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन धर्म, जाति और सीमाओं से परे सभी को एकजुट करने का संदेश देता है। महाकुंभ केवल धार्मिक महत्व तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतिबिंब है। राष्ट्रपति ने इसे मानवता और सामूहिकता का उत्सव बताते हुए विश्वास जताया कि प्रयागराज का यह महोत्सव पूरे विश्व में भारत की शांति और सांस्कृतिक एकता का संदेश फैलाएगा।

प्रशासन की तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

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