मीरापुर में सियासी चक्रव्यूह : आरएलडी-बीजेपी का गठबंधन और ओबीसी कार्ड, क्या सपा के पीडीए फॉर्मूले पर पड़ेगा भारी 

सोशल मीडिया | जयंत चौधरी

Oct 26, 2024 14:26

मीरापुर विधानसभा सीट पर नवंबर में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के गठबंधन ने यहां से महिला नेता मिथलेश पाल को मैदान में उतारा है...

Muzaffarnagar News : मीरापुर विधानसभा सीट पर नवंबर में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के गठबंधन ने यहां से महिला नेता मिथलेश पाल को मैदान में उतारा है। बीजेपी नेता मिथलेश पाल को आरएलडी के टिकट पर चुनाव लड़ाने का निर्णय बीजेपी और आरएलडी की रणनीति के तहत लिया गया है। इस फैसले के पीछे का मकसद समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूले का मुकाबला करना है, जिसने पिछले चुनाव में वेस्ट यूपी में काफी असर दिखाया था।

जयंत चौधरी का बड़ा दांव
जयंत चौधरी ने इस बार बीजेपी के साथ मिलकर सियासी समीकरण को नए ढंग से तैयार किया है। मिथलेश पाल ओबीसी समुदाय से आती हैं और उनका चुनाव मैदान में उतरना अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले के लिए एक चुनौती माना जा रहा है। जयंत ने इस कदम के माध्यम से ओबीसी समुदाय के मतदाताओं पर पकड़ बनाने की कोशिश की है, ताकि सपा को चुनौती दे सकें। वहीं दूसरी तरफ सपा ने पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू को प्रत्याशी बनाया है, जिसके बाद जयंत और बीजेपी ने महिला कार्ड का सहारा लेते हुए मिथलेश पाल को मैदान में उतारा।



पार्टी के आंतरिक समीकरणों काे साधने की कोशिश
जयंत चौधरी अपनी पार्टी में जातिगत समीकरणों का विस्तार करते हुए सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। अनुसूचित वर्ग के अनिल कुमार को कैबिनेट मंत्री बनाकर जयंत पहले ही यह संकेत दे चुके हैं। अब ओबीसी समुदाय की मिथलेश पाल को उम्मीदवार बनाकर उन्होंने एक और बड़ा कदम उठाया है। जयंत के इस फैसले का लाभ यह होगा कि रालोद के कार्यकर्ता भी मिथलेश पाल के पक्ष में पूरी ताकत झोंकेंगे।

सपा के सामने बड़ी चुनौती
अब मीरापुर में बीजेपी और आरएलडी के गठबंधन के इस कदम ने समाजवादी पार्टी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले का मुकाबला करने के लिए बीजेपी और आरएलडी ने ओबीसी और महिला कार्ड का मिलाजुला दांव खेला है। ऐसे में आगामी उपचुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा फॉर्मूला मीरापुर की जनता को ज्यादा आकर्षित करता है।

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