56 साल बाद मिला जवान का शव : 1968 में सियाचिन में क्रैश हुआ था विमान, 100 से अधिक लोगों की हुई थी शहादत

UPT | 56 साल बाद मिला जवान का शव

Oct 01, 2024 20:17

फतेहपुर गांव निवासी वायु सेना के जवान मलखान सिंह का पार्थिव शरीर 56 साल बाद सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में बर्फ के नीचे मिला है। भारतीय सेना के जवानों ने मंगलवार को फतेहपुर गांव पहुंचकर मलखान के भाई इसमपाल सिंह को यह सूचना दी।

Short Highlights
  • 56 साल बाद मिला जवान का शव
  • सियाचिन में क्रैश हुआ था विमान
  • चंडीगढ़ से लेह जा रहा था विमान
Saharanpur News : फतेहपुर गांव निवासी वायु सेना के जवान मलखान सिंह का पार्थिव शरीर 56 साल बाद सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में बर्फ के नीचे मिला है। भारतीय सेना के जवानों ने मंगलवार को फतेहपुर गांव पहुंचकर मलखान के भाई इसमपाल सिंह को यह सूचना दी। पहचान वाउचर के माध्यम से हुई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह मलखान सिंह का ही शरीर है। अब जानकारी दी गई है कि उनका पार्थिव शरीर तीन अक्तूबर को गांव लाया जाएगा, जिससे परिवार का एक लंबा इंतजार खत्म होने की उम्मीद है।

चंडीगढ़ से लेह जा रहा था विमान
मलखान सिंह वायु सेना में कार्यरत थे और 7 फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरने वाले एक विमान में सवार थे। इस विमान में 100 से अधिक जवान थे, जिनमें मलखान सिंह भी शामिल थे। जब विमान सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में पहुंचा, तो खराब मौसम के कारण यह क्रैश हो गया। इस दुर्घटना में मलखान सिंह समेत सभी जवान बलिदान हो गए थे, लेकिन बर्फीले पहाड़ों के कारण उनके पार्थिव शरीर नहीं मिल पाए थे।



गांव पहुंचेगा पार्थिव शरीर
इसमपाल सिंह ने जब भारतीय सेना के जवानों से सुना कि उनके भाई का पार्थिव शरीर मिल गया है, तो वे आश्चर्यचकित रह गए। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि इतने वर्षों बाद यह संभव हो सकता है। उन्होंने सहारनपुर में रहने वाले अपने भाई के पोते गौतम और मनीष को इस खबर की जानकारी दी। इसके बाद, परिवार के सदस्य तुरंत गांव लौट आए, ताकि अपने प्रियजन के पार्थिव शरीर को देख सकें और उसे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दे सकें।

ऑटो चलाते हैं परिवार के लोग
मलखान सिंह के परिवार में उनकी पत्नी शीला देवी और इकलौते बेटे रामप्रसाद की मृत्यु हो चुकी है। अब परिवार में केवल पोते और पोती हैं, जो सहारनपुर में ऑटो चलाते हैं। मलखान सिंह के भाई सुल्तान सिंह और बहन चंद्रपाली ही जीवित हैं। परिवार का कहना है कि उन्हें वायु सेना की ओर से किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिली। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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