इमरान मसूद ने वक्फ विधेयक का किया विरोध : स्पीकर को भेजी चिट्ठी, लोकसभा में बोले- संविधान की धज्जियां उड़ा रहे

UPT | इमरान मसूद ने वक्फ विधेयक का किया विरोध

Aug 08, 2024 15:24

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का विरोध किया है। मसूद ने स्पीकर को भेजी चिट्ठी में इस विधेयक को संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

Short Highlights
  • इमरान मसूद ने स्पीकर को भेजी चिट्ठी
  • वक्फ विधेयक का किया विरोध
  • लोकसभा में भी दर्ज कराया विरोध
Saharanpur News : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का विरोध किया है। मसूद ने स्पीकर को भेजी चिट्ठी में इस विधेयक को संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है। उनका कहना है कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 15, 25, 26, 29 और 30 के तहत गारंटीकृत समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन करता है। मसूद ने विधेयक के वर्तमान स्वरूप को असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण करार दिया है।

मौलिक सिद्धांत का बताया उल्लंघन
मसूद ने चिट्ठी में कहा कि अनुच्छेद 15 धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है। वक्फ संशोधन विधेयक के जरिए किसी विशेष धार्मिक समुदाय की संपत्तियों को विनियमित करने की कोशिश संविधान के इस मौलिक सिद्धांत का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 25 धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, और विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में हस्तक्षेप करके मुस्लिम समुदाय की धार्मिक प्रथाओं का उल्लंघन कर रहा है।

विधेयक की आलोचना की
कांग्रेस सांसद ने बताया कि अनुच्छेद 26 और 30 धार्मिक संप्रदायों के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रबंधन के अधिकारों की रक्षा करते हैं। वक्फ संपत्तियों के प्रबंध पर संभावित अतिक्रमण, जिसमें अक्सर शैक्षणिक संस्थान शामिल होते हैं, इन अधिकारों को सीधे तौर पर खतरे में डालता है। मसूद ने विधेयक की आलोचना करते हुए इसे संविधान के धार्मिक अधिकारों के खिलाफ बताया है।

अनुच्छेद 29 का भी बताया उल्लंघन
मसूद ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 29 नागरिकों को अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि और संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार देता है। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन ढांचे में बदलाव करने से, जो अक्सर मुस्लिम समुदाय की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी होती हैं, विधेयक इस अधिकार को भी कमजोर करता है। उनका कहना है कि यह विधेयक सांस्कृतिक अधिकारों के लिए भी एक बड़ा खतरा है।

लोकसभा में भी दर्ज कराया विरोध
लोकसभा में इमरान मसूद ने विधेयक का विरोध दर्ज कराया और इसे भेदभावपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को हथियाने की साजिश को बल देता है और संविधान की धज्जियां उड़ा रहा है। कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने भी विधेयक की आलोचना की और इसे संविधान पर हमला करार दिया, सवाल उठाते हुए कि अयोध्या मंदिर बोर्ड के गठन में गैर-हिंदू सदस्य की बात क्यों नहीं उठाई जाती।

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