रक्षक बने भक्षक : अस्पताल में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की हुई मौत, परिजनों ने किया जमकर हंगामा

UPT | डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत

Apr 15, 2024 12:48

परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया। इसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराया और पीड़ित...

Shamli News : शामली के थानाभवन कस्बे में डिलीवरी के दौरान एक निजी अस्पताल में जच्चा बच्चा की मौत हो गई। जच्चा बच्चा की मौत हो जाने से परिजनों में कोहराम मचा है। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया। इसकी सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराया और पीड़ित परिजनों को उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया। बता जा रहा है कि अस्पताल में इससे पहले भी कई बार मौत हो चुकी है।

बेटे की मौत के कुछ समय बाद हुई मां की मौत
सोहजनी उमरपुर निवासी आसमा पत्नी राशिद को प्रसव पीड़ा के चलते निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। इस दौरान रात्रि में महिला का डिलीवरी के लिए ऑपरेशन किया गया। इस दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई। बच्चे की मौत के कुछ समय बाद ही आसमा की भी तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके चलते उसकी भी मौत हो गई, आरोप है कि आसमा की मौत की सूचना डॉक्टर ने परिजनों को नहीं दी। आसमा को अन्य अस्पताल में ले जाने की बात कह कर बात को टालने लगे। लेकिन तब तक परिजनों ने देखा तो आसमा दम तोड़ चुकी थी। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर के हंगामा किया। सूचना पर थानाभवन पुलिस अस्पताल पहुंची और हंगामा कर रहे लोगों को किसी तरह शांत किया। पुलिस ने पीड़ित परिजनों से मामले में तहरीर की मांग करते हुए कानूनी कार्रवाई का शासन दिया।

पहले भी हो चुकी कई मौत
ज्ञात हो की इससे पूर्व भी साल 2023 में थानाभवन क्षेत्र के गांव मसावि निवासी जमशेद का पित्त की थैली का ऑपरेशन इसी अस्पताल में हुआ था। जिसमें उसके लीवर की नस कटने के कारण कई दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद जमशेद ने दम तोड़ दिया था। रायपुर निवासी एक महिला की भी 6 महीने पहले गर्भपात करते समय अस्पताल में मौत होने की घटना हुई थी।

अन्य चिकित्सक की डिग्री पर चल रहा अस्पताल
बताया जाता है कि अस्पताल अन्य चिकित्सकों की डिग्री पर रजिस्ट्रेशन करके फर्जी झोलाछाप चिकित्सकों के द्वारा चलाया जाता है। कस्बा थानाभवन में कई अन्य अस्पतालों में भी कई लोग लापरवाही और झोलाछाप डॉक्टर के कारण अपनी जान गवा चुके हैं। सिटी लाइफ अस्पताल में इससे पूर्व मौत के मामले को मैनेज कर लिया गया था। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल पर कार्रवाई करने की जहमत तक नहीं उठाई। हैरत की बात तो यह है कि अस्पताल में ना तो ब्लड बैंक की सुविधा है और ना ही अन्य जरूरी मेडिकल मशीन उपलब्ध है। उसके बावजूद भी अस्पताल में ऑपरेशन किये जाते है एवं डिलीवरी के लिए भर्ती मरीज को खून चढ़ाया जा रहा था। मामला लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर कब तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दी जाने वाली छूट के चलते लोगों को अपनी जान गवानी पड़ेगी।

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