शामली में किसानों के धरने पर खाप चौधरियों की टिप्पणी से हंगामा : प्रशासन ने धरना समाप्त करने का दावा किया, किसान बोले- आंदोलन जारी रहेगा

UPT | शामली में किसानों के धरने पर खाप चौधरियों की टिप्पणी से हंगामा

Oct 12, 2024 13:51

शुगर मिल पर गन्ना भुगतान की मांग को लेकर चल रहे किसानों के धरने में शुक्रवार को बड़ा हंगामा हो गया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की मौजूदगी में खाप चौधरियों पर एक टिप्पणी के बाद माहौल गरमा गया।

Shamli News : शुगर मिल पर गन्ना भुगतान की मांग को लेकर चल रहे किसानों के धरने में शुक्रवार को बड़ा हंगामा हो गया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की मौजूदगी में खाप चौधरियों पर एक टिप्पणी के बाद माहौल गरमा गया। जब यह कहा गया कि खाप चौधरी यह तय करेंगे कि धरना जारी रहेगा या समाप्त होगा, तो कुछ किसानों ने इसका विरोध करते हुए हूटिंग कर दी। इस घटना से खाप चौधरियों में नाराज़गी फैल गई और वे धरना स्थल से उठकर चले गए। हालांकि, बाद में उन्हें मनाकर वापस धरना स्थल पर लाया गया।

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प्रशासन का दावा और किसानों की असहमति
देर रात जिला प्रशासन ने एक बयान जारी कर दावा किया कि किसानों के साथ बातचीत सफल रही है और दोनों धरने समाप्त कर दिए जाएंगे। अधिकारियों का कहना था कि शुगर मिल ने 25 करोड़ रुपये गन्ना समिति को भेज दिए हैं, जिससे किसानों की मांग पूरी होने का दावा किया गया। लेकिन इस दावे के तुरंत बाद किसान नेता संजीव शास्त्री ने प्रशासन के दावे को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि वार्ता विफल रही है। उन्होंने कहा कि किसान अपने बकाया भुगतान की पूरी राशि प्राप्त किए बिना धरना समाप्त नहीं करेंगे। 

नरेश टिकैत की मौजूदगी में विफल हुई वार्ता
किसानों के इस आंदोलन में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी शुक्रवार को शामिल हुए। उनके नेतृत्व में मिल प्रबंधन और किसानों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता वार्ता हुई, लेकिन यह वार्ता भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। इस वार्ता के दौरान जब सर्वखाप समन्वय किसान मंच के अध्यक्ष संजीव शास्त्री ने यह कहा कि खाप चौधरी ही धरने के बारे में अंतिम निर्णय लेंगे, तो कुछ किसानों ने इसका विरोध करते हुए हूटिंग शुरू कर दी। किसानों ने आरोप लगाया कि पहले भी खाप चौधरियों ने धरने को उठवाने का निर्णय लिया था, और उन्हें खाप नेताओं पर भरोसा नहीं है। इस बयान से खाप चौधरी गहरी नाराजगी में आ गए। कालखंडे खाप के चौधरी बाबा संजय और अन्य खाप चौधरियों ने कहा कि जब उनका सम्मान नहीं हो रहा है, तो उनके यहां आने का कोई मतलब नहीं है। यह कहते हुए वे धरना स्थल से उठकर चले गए, जिससे हंगामा और बढ़ गया। 



किसानों की माफी और खाप चौधरियों की वापसी
इस अप्रिय घटना के बाद, धरना स्थल पर माहौल और तनावपूर्ण हो गया। लेकिन किसानों ने स्थिति को सुधारने के लिए खाप चौधरियों से माफी मांगी और उन्हें धरना स्थल पर वापस बुलाया गया। खाप चौधरियों की वापसी से स्थिति थोड़ी शांत हुई। नरेश टिकैत ने भी किसानों से अपील की कि उन्हें खाप चौधरियों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वे भी किसानों के हित में ही काम कर रहे हैं। टिकैत ने कहा कि किसानों की मांगें पूरी तरह जायज हैं और उन्हें धरने को एक सकारात्मक दिशा में ले जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में समाधान ढूंढना आवश्यक है ताकि मिल का संचालन भी बाधित न हो और किसानों का धरना भी चलता रहे। 

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किसान अड़े बकाया भुगतान की मांग पर
वहीं, किसान नेता संजीव शास्त्री ने दोहराया कि किसान तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि उन्हें उनका बकाया भुगतान नहीं मिल जाता। उन्होंने कहा कि प्रशासन और मिल प्रबंधन द्वारा किए गए वादों पर अब किसानों का भरोसा नहीं रह गया है, और वे तभी धरने से उठेंगे जब उनकी मांगें पूरी हो जाएंगी। इस घटना से साफ है कि शामली में किसानों का आंदोलन फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा है। प्रशासन और किसानों के बीच वार्ता असफल रही है, और किसानों ने अपने धरने को जारी रखने का ऐलान कर दिया है।

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