बीएचयू के हर विभाग में बनेगा क्वालिटी कंट्रोल सेल : 14 विभागों में शुरू हुई डेटा कैंपेन बनाने की प्रक्रिया, निदेशक कार्यालय ने जारी किया लेटर

UPT | बीएचयू

Nov 28, 2024 10:41

प्रत्येक विभाग में बनने वाले इस गुणवत्ता प्रकोष्ठ में तीन सदस्य होंगे। इनमें एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर और एक असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल होंगे। इनका मुख्य कार्य विभाग में शोध कार्यों, शिक्षा की गुणवत्ता और प्रोफेसरों...

Varanasi News : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने अपने हर विभाग में "विभागीय गुणवत्ता प्रकोष्ठ" (डीक्यूसी) स्थापित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह कदम शिक्षा और शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब तक यूनिवर्सिटी स्तर पर ही गुणवत्ता नियंत्रण सेल मौजूद था, लेकिन पहली बार इसे विभागीय स्तर पर लागू किया जा रहा है।

डीक्यूसी की संरचना और कार्यक्षेत्र
प्रत्येक विभाग में बनने वाले इस गुणवत्ता प्रकोष्ठ में तीन सदस्य होंगे। इनमें एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर और एक असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल होंगे। इनका मुख्य कार्य विभाग में शोध कार्यों, शिक्षा की गुणवत्ता और प्रोफेसरों के पेटेंट्स का विवरण तैयार करना होगा। साथ ही, यह प्रकोष्ठ विभाग की जरूरतों का आकलन करेगा और उसके अनुरूप समाधान प्रस्तावित करेगा।



विज्ञान संस्थान ने शुरू की प्रक्रिया
विज्ञान संस्थान के 14 विभागों में डीक्यूसी की स्थापना प्रक्रिया शुरू हो गई है। 21 नवंबर को संस्थान के निदेशक कार्यालय से इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी किए गए। इसमें विभागाध्यक्षों से आग्रह किया गया है कि वे अपने विभाग में डीक्यूसी का गठन करें और उसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल (आईक्यूएसी) को भेजें।

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शोध और पेटेंट की निगरानी
डीक्यूसी के माध्यम से प्रत्येक विभाग में शोध और पेटेंट का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। यह प्रोफेसरों और वैज्ञानिकों को उनके शोध कार्यों और पेटेंट के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके अतिरिक्त, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि शोध और पेटेंट के आधार पर उन्हें कौन-कौन से प्रोजेक्ट्स मिले हैं, उनके लिए कितना फंड आवंटित हुआ और उनकी अवधि क्या है।

उपलब्धियों का दस्तावेजीकरण
विभागीय स्तर पर होने वाली सभी उपलब्धियों को सहेज कर रखा जाएगा। यह जानकारी न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन बल्कि उच्चाधिकारियों और संबंधित संस्थानों को भी साझा की जाएगी। इससे विभागीय गतिविधियों और उपलब्धियों को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा।

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