नई तकनीकी : BHU के LD-ePAD से खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय निगरानी में सुधार

UPT | पर्यावरणीय निगरानी में सुधार

Jan 21, 2025 17:32

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU) के शोधकर्ताओं ने एक अत्याधुनिक और संवेदनशील लेजर-निर्देशित इलेक्ट्रोकेमिकल पेपर विश्लेषणात्मक उपकरण (LD-ePAD) विकसित किया है...

Varanasi News : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU) के शोधकर्ताओं ने एक अत्याधुनिक और संवेदनशील लेजर-निर्देशित इलेक्ट्रोकेमिकल पेपर विश्लेषणात्मक उपकरण (LD-ePAD) विकसित किया है, जो बहु-कार्यात्मक सेंसिंग अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त है। इस उपकरण का निर्माण प्रोफेसर प्रांजल चंद्रा के नेतृत्व में किया गया, जिसमें शोध छात्र सुप्रतिम महापात्रा और रोहिणी कुमारी ने भी योगदान दिया। यह पेपरट्रोनिक उपकरण पर्यावरण के अनुकूल, सस्ता और जैव-नष्ट होने योग्य है, और यह व्यावसायिक रूप से उपलब्ध इलेक्ट्रोड-आधारित उपकरणों के प्रदर्शन के समान कार्य करता है।

खाद्य सुरक्षा के लिए अत्यधिक संवेदनशील
प्रोफेसर प्रांजल चंद्रा ने बताया कि इस उपकरण का प्रमुख उद्देश्य चिकित्सा नमूनों में हानिकारक फ्री रैडिकल्स, नदी के पानी में विषाक्त धातुएं, रोगजनक बायोमार्कर्स (जैसे अल्कलाइन फॉस्फेटेज), खाद्य मिलावटों आदि की अत्यधिक संवेदनशीलता और पुनरावृत्तता के साथ पहचान करना है। यह उपकरण क्लिनिकल डायग्नोस्टिक्स और पर्यावरणीय निगरानी में एक महत्वपूर्ण कदम है और विभिन्न विश्लेषणों की पहचान के लिए एक मंच प्रदान करता है।

तकनीकी की प्रस्तुति जम्मू कार्यशाला
इस उपकरण की विशेषता यह है कि यह बहुत छोटा और जनता द्वारा संचालित करने योग्य है, जिससे इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों या पॉइंट-ऑफ-केयर सेटिंग्स में आसानी से लागू किया जा सकता है, जहां उन्नत डायग्नोस्टिक्स की पहुंच सीमित है। पुराने उपकरणों में एकल प्रकार के अणु की पहचान पर जोर दिया जाता था, लेकिन यह नया उपकरण बहु-कार्यात्मक अणुओं की पहचान में सक्षम है, जिससे परिणाम अधिक सटीक और पुनरावृत्त होते हैं। यह तकन की 18-19 जनवरी को आईआईटी जम्मू में आयोजित माइक्रोफैब्रिकेशन और बायोसेंसर- एडवांसेज इन डायग्नोस्टिक्स" कार्यशाला में प्रस्तुत की गई, जिसमें शोधार्थियों को इस तकनीकी पर हाथों-हाथ अनुभव प्राप्त हुआ। इस कार्यशाला में सुप्रतिम महापात्रा ने इस तकनीकी को प्रस्तुत किया और "बेस्ट इनोवेशन अवार्ड" प्राप्त किया।



'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया'
आईआईटी (BHU) ने इस तकनीकी का पेटेंट कराया है, और यह शोध केमिकल इंजीनियरिंग जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस तकनीकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है, विशेषकर जापान के कोबे में आयोजित ऑर्गेनिक मोलिक्यूलर इलेक्ट्रॉनिक्स पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में। आईआईटी (BHU) के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने इस नवाचार को 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम बताया, जो समाज के लिए सीधे लाभकारी होगा।

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