बदलता उत्तर प्रदेश : वाराणसी में बन रहा देश का पहला रोप-वे ट्रांसपोर्ट, 90% काम पूरा, फरवरी में होगा ट्रायल

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Jan 20, 2025 13:38

वाराणसी, जो देश के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है, यहां यातायात की बढ़ती समस्या को देखते हुए इस रोप-वे परियोजना को शुरू किया गया है। शहर में लगातार बढ़ती हुई भीड़, ट्रैफिक जाम और सीमित सड़क नेटवर्क की वजह से यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था...

Varanasi News : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक ऐतिहासिक परिवहन परियोजना अपने अंतिम चरण में है। वाराणसी में देश का पहला रोप-वे ट्रांसपोर्ट सिस्टम बन रहा है, जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक नई यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। इस परियोजना का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और अब इसे फरवरी 2025 में ट्रायल के तौर पर शुरू किया जाएगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहर वाराणसी को आधुनिक और स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

रोप-वे ट्रांसपोर्ट सिस्टम की जरूरत और उद्देश्य
वाराणसी, जो देश के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है, यहां यातायात की बढ़ती समस्या को देखते हुए इस रोप-वे परियोजना को शुरू किया गया है। शहर में लगातार बढ़ती हुई भीड़, ट्रैफिक जाम और सीमित सड़क नेटवर्क की वजह से यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को हल करने के लिए रोप-वे ट्रांसपोर्ट एक बेहद प्रभावी और पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल विकल्प साबित हो सकता है। यह ट्रांसपोर्ट सिस्टम खासतौर पर पर्यटकों और शहर के विभिन्न हिस्सों के बीच सुगम यात्रा के लिए तैयार किया जा रहा है।

रोप-वे ट्रांसपोर्ट की खासियत
वाराणसी का रोप-वे ट्रांसपोर्ट सिस्टम 4.3 किलोमीटर लंबे रास्ते पर आधारित होगा, जो काशी विश्वनाथ मंदिर और गौतम सरोवर क्षेत्र को जोड़ेगा। यह यात्रा मार्ग शहर के व्यस्ततम इलाकों से होकर जाएगा, जिससे यात्रियों को न केवल ट्रैफिक से राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें एक अद्वितीय दृश्य का अनुभव भी मिलेगा। रोप-वे के द्वारा लोग कम समय में और आराम से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा, यह पर्यावरणीय दृष्टि से भी फायदेकारी रहेगा, क्योंकि यह अन्य परिवहन प्रणालियों की तुलना में कम प्रदूषण उत्पन्न करेगा।

फरवरी में ट्रायल और भविष्य की योजनाएं
रोप-वे ट्रांसपोर्ट के निर्माण में तेजी से काम हो रहा है और 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। फरवरी में इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा, जिसमें विभिन्न तकनीकी परीक्षण किए जाएंगे। इसके बाद, इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यह परियोजना न केवल वाराणसी के निवासियों के लिए वरदान साबित होगी, बल्कि यह शहर को पर्यटन के लिहाज से भी और अधिक आकर्षक बनाएगी। इस तरह की परियोजनाओं को अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे पूरे प्रदेश में परिवहन की स्थिति में सुधार होगा।

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