'चेतना-प्रवाह' कवि सम्मेलन : धर्म को चुनौती देना आसान नहीं...कविता के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर की गहरी टिप्पणी

UPT | सरस काव्य गोष्ठी में मौजूद कवि।

Nov 21, 2024 18:23

गाजीपुर जिले के चन्दन नगर कॉलोनी में साहित्य चेतना समाज के तत्वावधान में 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम के अंतर्गत एक निजी आवास पर सरस काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया।

Ghazipur News : गाजीपुर जिले के चन्दन नगर कॉलोनी में साहित्य चेतना समाज के तत्वावधान में 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम के अंतर्गत एक निजी आवास पर सरस काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बापू इंटर कॉलेज सादात के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डॉ. रामबदन सिंह ने की, जबकि संचालन सुपरिचित नवगीतकार डॉ. अक्षय पाण्डेय ने किया।



कार्यक्रम की शुरुआत और स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अक्षय पाण्डेय की वाणी-वंदना से हुई। इसके बाद संस्था के संस्थापक अमरनाथ तिवारी 'अमर' ने आगंतुक कवि और अतिथियों का वाचिक स्वागत किया। उन्होंने 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम के मूल उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला, जिसके तहत साहित्य की सामाजिक प्रासंगिकता और रचनात्मकता को बढ़ावा देना है।

काव्यपाठ और प्रस्तुति
काव्यपाठ के क्रम में कवि हरिशंकर पाण्डेय ने भोजपुरी गीत "अवते पतोहिया चली गइली विदेशवा..." प्रस्तुत किया, जिसे श्रोताओं ने बेहद पसंद किया। वरिष्ठ हास्य-व्यंग्यकार विजय कुमार मधुरेश ने अपनी व्यंग्यात्मक रचना "नागिनों ने सपेरों से दोस्ती कर ली..." सुनाकर श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया। ओज के कवि दिनेशचन्द्र शर्मा ने अपनी कविता "धर्म को चुनौती देना आसान नहीं..." के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर गहरी टिप्पणी की। 

युवा नवगीतकार डॉ. अक्षय पाण्डेय ने 'अप्रासंगिक होने लगे पिता' शीर्षक से एक भावनात्मक नवगीत प्रस्तुत किया, जो श्रोताओं को गहरे विचार में डाल गया। नगर के ख्यात ग़ज़लगो कुमार नागेश ने अपनी ग़ज़ल "है कहां मंज़िल हमारी..." के साथ श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

काव्य गंगा में व्यंग्य और शृंगारिक रचनाओं की प्रस्तुति
नगर के वरिष्ठ व्यंग्य कवि अमरनाथ तिवारी 'अमर' ने अपनी व्यंग्य कविताओं से श्रोताओं को हंसी के साथ-साथ सामाजिक परिस्थितियों पर विचार करने को मजबूर किया। वरिष्ठ कथाकार-कवि डॉ. रामबदन राय ने शृंगारिक गीत "प्यार घट सकता है/प्यार बढ़ सकता है..." सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी।

संगीत का संगम और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में संस्था के संगठन सचिव प्रभाकर त्रिपाठी ने सांगीतिक अनुगीत की प्रस्तुति दी, जिसने वातावरण को और भी सुंदर बना दिया। अंत में, डॉ. रामबदन सिंह ने साहित्य चेतना समाज के द्वारा किए गए कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और श्रोताओं को इसके महत्व पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।

इस सरस काव्य-गोष्ठी में प्रमुख रूप से जयप्रकाश दूबे, डॉ. अजय राय, सतीश राय, राघवेन्द्र ओझा, अर्चना राय, प्रीति राय आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर संगठन सचिव प्रभाकर त्रिपाठी ने सभी का धन्यवाद किया और कार्यक्रम की सफलता के लिए आभार व्यक्त किया।

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