रूद्र अंबिका महायज्ञ : यज्ञ, दान और तप का त्याग नहीं करना चाहिए, अपनी क्षमता के अनुसार जारी रखना चाहिए 

UPT | मंडप प्रवेश की विधि विधान से पूजा करते विद्वान।

Oct 18, 2024 19:19

जनपद के नौली क्षेत्र में चल रहे श्री रूद्र अंबिका महायज्ञ के दूसरे दिन काशी के प्रकांड विद्वानजनों की ओर से मंत्रोच्चार के बीच मंडप प्रवेश व पंचांग पूजन संपन्न हुआ।

Ghazipur News : जनपद के नौली क्षेत्र में चल रहे श्री रूद्र अंबिका महायज्ञ के दूसरे दिन का आयोजन मंत्रोच्चार और वैदिक विधियों के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर काशी से आए विद्वानों ने मंत्रों के उच्चारण के बीच मंडप प्रवेश और पंचांग पूजन का आयोजन किया। यज्ञ मंडप में बनी देव वेदियों पर विभिन्न देवताओं की स्थापना और पूजन किया गया, जिससे पूरा क्षेत्र धार्मिक माहौल में डूब गया।


वैदिक मंत्रों से गूंज उठा क्षेत्र
यज्ञ की विधियों का संचालन वेदाचार्य डॉ. धनंजय पांडे के नेतृत्व में काशी से आए वैदिक विद्वानों द्वारा किया गया। इनमें पंडित गोविंद पांडे, गौरव मिश्रा, जितेंद्र पांडे, विपिन पांडे, और शैलेंद्र पांडे शामिल थे। उन्होंने वेदों के मंत्र पाठ से पूरे क्षेत्र को मंत्रमुग्ध कर दिया। यज्ञाचार्य ने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यज्ञ, दान, और तप का त्याग नहीं करना चाहिए और इन्हें अपनी क्षमता के अनुसार जारी रखना चाहिए।

संगीतमय श्री भागवत कथा का आयोजन
महायज्ञ के अंतर्गत, भगवताचार्य पंडित कन्हैया द्विवेदी जी के मुखारविंद से संगीतमय श्री भागवत कथा का भी आयोजन किया गया। उनकी कथा वाणी ने उपस्थित श्रोताओं को भक्ति में डुबो दिया। कथा के माध्यम से धार्मिक और आध्यात्मिक संदेशों को बड़े ही सरल और प्रभावी ढंग से लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया। कथा सुनने के लिए आसपास के क्षेत्र से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे।

पूजा विधि और गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस आयोजन के दौरान, मुख्य यजमान सत्या पांडे और पंडित विवेकानंद मिश्र द्वारा पूजा विधि संपन्न कराई गई। कार्यक्रम में त्यागी जी महाराज, अजय पांडे, मुन्ना पांडे, अरविंद सिंह, और देवानंद सिंह सहित गांव के कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने यज्ञ के महत्व और धार्मिकता को और अधिक बढ़ा दिया।

सामुदायिक सहयोग की प्रेरणा
श्री रूद्र अंबिका महायज्ञ का आयोजन स्थानीय समुदाय के सहयोग से हो रहा है, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यज्ञाचार्य ने बताया कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज में एकता और समर्पण की भावना का विकास होता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपनी क्षमता के अनुसार इन धार्मिक आयोजनों में सहयोग करते रहें और धर्म के प्रति अपनी आस्था बनाए रखें।

इस तरह, श्री रूद्र अंबिका महायज्ञ के दूसरे दिन का आयोजन पूरी भक्ति और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। धार्मिक माहौल ने पूरे क्षेत्र को अध्यात्म और शांति से भर दिया, जिससे लोगों के मन में भक्ति की भावना और अधिक प्रबल हो गई। 

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