जनपद के गहमर थाना क्षेत्र के खुदरा-पथरा गांव में राम नाम का अखण्ड संकीर्तन ढोल, झाल, मजीरा के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रों से पंडित नरेंद्र ने विधिवत कर्मकांड से शुरू कराया। गांव के मूल निवासी और रिटायर्ड...
Nov 09, 2024 15:10
जनपद के गहमर थाना क्षेत्र के खुदरा-पथरा गांव में राम नाम का अखण्ड संकीर्तन ढोल, झाल, मजीरा के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रों से पंडित नरेंद्र ने विधिवत कर्मकांड से शुरू कराया। गांव के मूल निवासी और रिटायर्ड...
Ghazipur News : जनपद के गहमर थाना क्षेत्र के खुदरा-पथरा गांव में राम नाम का अखण्ड संकीर्तन ढोल, झाल, मजीरा के साथ शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रों से पंडित नरेंद्र ने विधिवत कर्मकांड से शुरू कराया। गांव के मूल निवासी और रिटायर्ड फौजी सुरेंद्र सिंह ने गांव क्षेत्र में अमन चैन के उद्देश्य से गाजा बाजा के साथ 'हरे राम- हरे कृष्ण' का अखंड संकीर्तन करवाया।
कलियुग में संकीर्तन का बड़ा महत्व
राम-कृष्ण के हरकीर्तन पर प्रकाश डालते हुए क्षेत्र के प्रकांड विद्वान व वैदिक कर्मकांड के मर्मज्ञ पंडित सर्वानंद तिवारी ने कहा कि संकीर्तन करने वाले और सुनने वाले दोनों ही भगवत सत्ता से लाभान्वित होते हैं। सुनने मात्र से मन मस्तिष्क पर बैठे हुए कषाय-कलमश धुल जाते हैं। कलियुग में संकीर्तन का बड़ा महत्व है। एक क्षण मात्र भगवत सुमिरन से मनुष्य के अंदर ऊर्जा का स्फूरन हो जाता है। इसलिए जब भी मौका मिले, तब हर मनुष्य को भगवत चर्चा का हिस्सा बनना चाहिए।
बुराइयों से उबरने के लिए राम संकीर्तन जरूरी
समाजसेवी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भौतिक जीवन में सुख समृद्धि तभी आ सकती है, जब आप परोपकार की भावना से जीवन संचालित कर रहे हों। ईर्ष्या, काम, क्रोध, मोह, लोभ, मद्द, छल-कपट से दूर रहकर राम नाम में रमेंगे, तभी मानव जीवन की सार्थकता संभव है, अन्यथा डूबना-उतराना तो आम जीवन में आम मनुष्यों की जीवनचर्या बन गई है। इन बुराइयों से उबरने के लिए भी राम नाम संकीर्तन आवश्यक है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी
फौजी सुरेंद्र सिंह के आवास पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही। समय-समय पर संकीर्तन करने वाले इच्छुक श्रद्धालु भी झाल मजीरा लेकर हरे राम हरे कृष्णा कीर्तन करते हुए झूमते दिखे। इस संकीर्तन में मोहल्ले वासियों के साथ ग्रामीणों में उत्साह का माहौल रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेंद्र सिंह, कामेश्वर सिंह, पप्पू सिंह, गणनायक उपाध्याय, नंदकिशोर दुबे, झप्पू सिंह, गप्पू सिंह, लप्पू सिंह, बंटी सिंह, डब्बू सिंह, गोरख सिंह, डिंपल सिंह आदि ग्रामवासियों का सहयोग रहा।