जौनपुर में छठ पूजा का उत्साह : व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य, बेटों की लंबी उम्र की मांगी कामना

UPT | छठ पर पूजा करती महिला

Nov 08, 2024 00:07

शहर और गांवों में हर दिशा में छठ पूजा की धूम मची हुई है। लोग सिर पर पूजा सामग्री और दउरा लेकर छठ पूजा घाटों की ओर जा रहे हैं। छठी मैया के गीतों पर महिलाएं थिरकती हुई नज़र आ रही हैं...

Short Highlights
  • व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य
  • शहर-गांव से लोग गंगा घाटों पर पहुंचे
  • डीएम और पुलिस अधीक्षक ने किया निरीक्षण
Jaunpur News : भगवान सूर्य की उपासना के महापर्व छठ पूजा का तीसरा दिन जिले में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर और गांवों में हर दिशा में छठ पूजा की धूम मची हुई है। लोग सिर पर पूजा सामग्री और दउरा लेकर छठ पूजा घाटों की ओर जा रहे हैं। छठी मैया के गीतों पर महिलाएं थिरकती हुई नज़र आ रही हैं और लोग पारंपरिक गीतों के साथ इस पर्व की खुशी में शरीक हो रहे हैं। श्रद्धालु महिलाओं का उत्साह और आस्था साफ तौर पर देखी जा सकती है, जो गंगा घाटों पर पहुंच कर सूर्य देवता को अर्घ्य देने के लिए तैयार हो रही हैं। 

घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
जिले के प्रमुख घाटों जैसे गोपी घाट, अचला घाट, बीबीपुर घाट और बेलाव घाट पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। जैसे-जैसे शाम का समय नजदीक आया, श्रद्धालु घाटों पर पहुंचे और पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान व्रति महिलाओं ने अपने बेटे और पति की लंबी उम्र की मंगलकामना की। शुक्रवार सुबह सूर्योदय के समय, महिलाएं फिर से सूर्य देव को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूर्ण करेंगी। साथ ही घाटों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।



सुबह से ही पूजा की तैयारी
व्रत के दौरान महिलाओं ने सुबह से ही पूजा के लिए तैयारियां शुरू कर दी थीं। अर्घ्य के लिए फलों को खास तरीके से सजाया गया था। सूप या डलिया में 6, 12, या 24 फलों को रखा गया था, जिसमें संतरा, अन्नास, गन्ना, केला, अमरूद, शरीफा, नारियल और साठी के चावल का चिउड़ा शामिल था। शाम को व्रति महिलाओं ने दूध, शहद, तिल और अन्य द्रव्यों से सूर्य को अर्घ्य दिया, जिसके बाद शुद्धिकरण की पूजा की गई। 

नहाए-खाए के साथ हुई शुरुआत
मंगलवार को नहाए-खाए के साथ छठ पूजा की शुरुआत हुई थी, जिसमें महिलाओं ने चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का सेवन किया था। इसके बाद बुधवार को खरना था, जिसमें साठी के चावल, गुड़ और गाय के दूध से बनी खीर का सेवन किया गया। इसके बाद निर्जल व्रत की शुरुआत हुई और व्रति महिलाओं ने नदी या तालाब किनारे मिट्टी से पूजा सुशोभिता बनाई है।

छठ के व्रत को सूर्यषष्ठी भी कहते हैं
इस व्रत को सूर्यषष्ठी भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें शक्ति की उपासना यानी माता षष्ठी और ब्रह्म की उपासना यानी सूर्य देव दोनों की पूजा की जाती है। यह व्रत विशेष रूप से बेटों की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। भगवान सूर्य से वैभव की प्राप्ति होती है, वहीं माता षष्ठी पुत्रों की रक्षा करती हैं।

घाटों का किया गया निरीक्षण
इस दौरान, जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह और पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा ने घाटों की व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने घाटों की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए और लोगों से शांतिपूर्वक पूजा करने की अपील की। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बेहतर व्यवस्था की गई है। यह आस्था और मान्यताओं का पर्व है, छठ मैया की पूजा की जाती है इसको लेकर प्रशासन द्वारा तैयारी की गई है। सभी लोग छठ माता की पूजा करें और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो।

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