ऑथर Asmita Patel

नगर निगम की क्यूआर कोड योजना अधूरी : केवल 15 हजार भवनों पर ही हुआ काम, टैक्स भुगतान और कूड़ा कलेक्शन में हो रही देरी

UPT | नगर निगम वाराणसी

Oct 29, 2024 13:03

क्यूआर कोड लगाने की यह सुविधा नगर निगम ने एक्सिस बैंक के सहयोग से नि:शुल्क प्रदान करने का वादा किया था। क्यूआर कोड के माध्यम...

Varanasi News : नगर निगम की ओर से घर-घर क्यूआर कोड लगाने की महत्वाकांक्षी योजना के कार्यान्वयन में धीमी गति के कारण अपेक्षित लाभार्थियों तक सुविधा नहीं पहुंच पाई है। योजना के तहत नगर क्षेत्र के सभी 2.20 लाख भवनों पर क्यूआर कोड लगाया जाना था। ताकि भवन स्वामी अपने गृहकर, जलकर और सीवर कर का भुगतान घर बैठे कर सकें। मार्च 2024 में इस पहल की शुरुआत भेलूपुर जोन से हुई थी, लेकिन छह महीने बाद भी केवल 15 हजार भवनों पर ही क्यूआर कोड लगाया गया है।

एक्सिस बैंक के सहयोग से नि:शुल्क सेवा
क्यूआर कोड लगाने की यह सुविधा नगर निगम ने एक्सिस बैंक के सहयोग से नि:शुल्क प्रदान करने का वादा किया था। क्यूआर कोड के माध्यम से भवन स्वामी किसी भी समय और कहीं से भी अपने गृहकर, जलकर और सीवर कर का भुगतान डिजिटल रूप से कर सकते हैं। इस योजना में भवन स्वामियों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। 

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की निगरानी में भी मदद
इस क्यूआर कोड का उपयोग न केवल कर संग्रहण में, बल्कि नगर निगम की अन्य सेवाओं की मॉनीटरिंग में भी किया जाएगा। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की सुविधा के तहत कर्मचारियों को प्रत्येक भवन का क्यूआर कोड स्कैन करके अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि किस घर से कूड़े का उठान किया गया है और कहां-कहां सेवा पहुंचाई गई है। यह कदम स्वच्छता व्यवस्था में पारदर्शिता और कार्यप्रणाली में सुधार लाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। 

भेलूपुर जोन तक ही सीमित
अब तक केवल भेलूपुर जोन में यह क्यूआर कोड लगाया गया है, जबकि अन्य जोन जैसे, सिगरा, लंका, अस्सी, दशाश्वमेध, मड़ुवाडीह, आदमपुर आदि में योजना का कार्यान्वयन अपेक्षित रूप से नहीं हुआ है। एक्सिस बैंक के अधिकारियों का कहना है कि काम जारी है और जल्द ही अन्य जोनों में भी क्यूआर कोड लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।

नगर निगम की चुनौती
नगर निगम के अधिकारियों ने इस योजना को गति देने के लिए अगले महीनों में अतिरिक्त कर्मियों और संसाधनों की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि भवनों की संख्या के अनुरूप कार्य में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन 2.20 लाख भवनों तक यह सेवा पहुंचाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं।

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