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शादी-ब्याह में नहीं होगी गंगा आरती : धार्मिक मर्यादा के लिए लिया फैसला, धर्मार्थ मंत्रालय को सौंपी जाएगी सिफारिश

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Oct 28, 2024 11:46

बैठक में गंगा आरती के नाम पर फर्जीवाड़े का मुद्दा भी उठाया गया। हाल ही में कुछ ठगों ने गंगा आरती में भाग लेने के लिए फर्जी ऑनलाइन...

Varanasi News : गंगा सेवा निधि के प्रांगण में आयोजित एक विशेष बैठक में रविवार शाम को देव दीपावली और गंगा आरती समितियों ने यह निर्णय लिया कि अब शादी-विवाह और अन्य निजी आयोजनों में गंगा आरती नहीं की जाएगी। समिति ने सर्वसम्मति से कहा कि गंगा आरती जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, किसी भी मनोरंजन या व्यापारिक उद्देश्य के लिए नहीं की जानी चाहिए। समिति के सदस्य वागीश शास्त्री, सुशांत मिश्र और रामयश मिश्र ने बैठक में जोर देकर कहा कि गंगा आरती की मर्यादा का उल्लंघन न हो। यह धार्मिक प्रक्रिया मात्र एक व्यवसायिक आयोजन का हिस्सा न बने। 

धर्मार्थ मंत्रालय को सौंपी जाएगी सिफारिश
समिति के अनुसार वर्तमान समय में कुछ इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां गंगा आरती के पवित्र कार्य को विवाह और पार्टियों में मनोरंजन का साधन बना रही हैं। इस तरह के आयोजनों को रोकने के लिए समिति जल्द ही सरकार और धर्मार्थ मंत्रालय को पत्र लिखकर औपचारिक रोक लगाने की मांग करेगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आरती के पवित्र उद्देश्य को सहेजने के लिए इस प्रकार के आयोजनों पर कड़े नियम बनाए जाएं।

गंगा आरती के नाम पर हो रही ठगी
बैठक में गंगा आरती के नाम पर फर्जीवाड़े का मुद्दा भी उठाया गया। हाल ही में कुछ ठगों ने गंगा आरती में भाग लेने के लिए फर्जी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की है। जिसमें दर्शन करने का शुल्क लिया जा रहा है। समिति ने स्पष्ट किया कि गंगा आरती एक निशुल्क कार्यक्रम है और इसमें किसी प्रकार की धनराशि की मांग गलत है। समिति ने प्रशासन से अपील की है कि इस प्रकार के ठगी के मामलों को तत्काल रोका जाए। इसके अलावा समिति ने कहा कि आरती स्थलों पर गंगा आरती के बाद कुछ लोग थाली में दीपक जलाकर धन वसूली करते हैं। जो न केवल गलत है, बल्कि आरती की पवित्रता का उल्लंघन भी है। समिति ने प्रशासन से इस पर भी अंकुश लगाने का आग्रह किया।

देव दीपावली से पहले घाटों की सफाई और सुरक्षा का अनुरोध
गंगा आरती समिति ने चौथे प्रस्ताव में देव दीपावली के आयोजन से पहले समस्त घाटों, कुंडों और तालाबों की साफ-सफाई की मांग की है। उन्होंने नगर निगम और संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया कि घाटों की पवित्रता और स्वच्छता बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। समिति के पांचवें प्रस्ताव में घाटों पर जर्जर नावों को हटाने का भी अनुरोध किया गया, जिससे घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। समिति ने प्रशासन से कहा कि इस मांग को गंभीरता से लेते हुए घाटों पर हर प्रकार की व्यवस्था की जाए, जिससे देव दीपावली का आयोजन पूर्ण स्वच्छता और सुरक्षा के साथ संपन्न हो।

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