Varanasi News : गंगा की नीलामी के खिलाफ निषाद समाज का प्रदर्शन, मंत्री का पुतला फूंका, इस्तीफा मांगा

UPT | मंत्री संजय निषाद का पुतला दहन करते निषाद समाज के लोग।

Oct 08, 2024 15:48

गंगा की नीलामी को रोकने के लिए निषाद समाज ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा। इस दौरान लोगों ने मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय निषाद का पुतला फूंका और उनके इस्तीफे की मांग की। लोगों का...

Varanasi News : गंगा की नीलामी को रोकने के लिए निषाद समाज ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा। इस दौरान लोगों ने मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय निषाद का पुतला फूंका और उनके इस्तीफे की मांग की। लोगों का कहना है कि उनकी सुनवाई सरकार में नहीं हो रही है, जबकि मछुआ समाज ने उन्हें जिताने का काम किया था।

क्या है पूरा मामला
वाराणसी के जिला मुख्यालय पर टांडा कलां सोनबरसा नाविक एवं मत्स्य जीवी सहकारिता समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा वाराणसी में मत्स्याखेट हेतु गंगा की नीलामी, पट्टा पर रोक लगाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा। लोगों ने कहा कि गंगा नदी में मस्त्याखेट हेतु सहायक निदेशक मत्स्य वाराणसी द्वारा 8 अक्टूबर को नीलामी का विज्ञापन दिया गया है। अपर जिलाधिकारी वाराणसी की अध्यक्षता में कलेक्टर सभागार में नीलामी की कार्रवाई की जानी है। मछुआ समाज कई सौ सालों से गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है, जिसकी जीविकोपार्जन का साधन गंगा है। इसी से वे अपने बच्चों की शादी एवं अन्य कार्य करते हैं। सरकार द्वारा गंगा की नीलामी करने का कार्य किया जा रहा है, जिसका निषाद समाज विरोध करेगा। इसके लिए हमें आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं, लेकिन किसी भी कीमत पर गंगा की नीलामी होने नहीं देंगे।

मंत्री संजय निषाद को इस्तीफा देना चाहिए
समिति के अध्यक्ष दीपक निषाद ने बताया कि निषाद समाज द्वारा सैकड़ों नहीं, हजारों सालों से गंगा के किनारे रहकर मछली मारकर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। यह सरकार गंगा की नीलामी करने जा रही है। जिसको यह निषाद समाज होने नहीं देगा। उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के बाबत दीपक ने कहा कि उनकी सरकार में नहीं चल रही है तो वह किसलिए कैबिनेट मंत्री बने हुए हैं। उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, उनको मछुआ समाज चंदा लगाकर जिताने का काम किया है। वह इस मछुआ समाज के लिए कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सरकार सोचती है कि यह नीलामी हो जाएगी और निषाद समाज चुप रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। आज हम लोग सैकड़ों की संख्या में आए हैं, इसके लिए सड़कों पर जनसैलाब उमड़ेगा।

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