दिल्ली की तर्ज पर हवाई अड्डे पर 13 फीट ऊंचे स्मारक चरखे का अनावरण: गांधी जी के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की पहल

UPT | वाराणसी एयरपोर्ट पर 13 फीट ऊंचे चरखे का अनावरण।

Sep 12, 2024 23:28

वाराणसी के बाबतपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दिल्ली एयरपोर्ट की तर्ज पर खादी ग्रामोद्योग की ओर से गुरुवार को 13 फीट ऊंचे स्टील स्मारक चरखे का अनावरण किया गया।

Varanasi News : वाराणसी के बाबतपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खादी ग्रामोद्योग द्वारा गुरुवार को 13 फीट ऊंचे स्टील के स्मारक चरखे का अनावरण किया गया। इस स्मारक का उद्घाटन खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में महात्मा गांधी के विचारों और खादी की महत्ता को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।

महात्मा गांधी की विरासत और खादी का महत्व
KVIC के अध्यक्ष मनोज कुमार ने अनावरण के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी का चरखा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘नये भारत की नयी खादी’ ने आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत अभियान को नई दिशा दी है। चरखा सिर्फ खादी का प्रतीक नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और
स्वदेशी आंदोलन का भी प्रतिनिधित्व करता है।

स्मारक चरखे की स्थापना और उसका महत्व
यह चरखा वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का प्रतीक भी माना जा रहा है। इससे पहले दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और कनॉट प्लेस स्थित चरखा संग्रहालय में भी ऐसे स्मारक चरखों की स्थापना की गई है। वाराणसी एयरपोर्ट पर इस स्मारक की स्थापना से न केवल खादी के महत्व को उजागर किया जा रहा है, बल्कि इसे भारतीय राष्ट्रीय धरोहर के रूप में भी पेश किया जा रहा है।

खादी के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां
अध्यक्ष ने कार्यक्रम के दौरान भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को धन्यवाद दिया, जिन्होंने वाराणसी एयरपोर्ट परिसर में स्मारक चरखे की स्थापना के लिए जगह उपलब्ध कराई। उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग की उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी और ग्रामोद्योग ने 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का कारोबार
कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

महात्मा गांधी के विचारों से नई पीढ़ी को जोड़ने की पहल
KVIC का यह कदम महात्मा गांधी के विचारों से नई पीढ़ी को जोड़ने और खादी की महत्ता को फिर से स्थापित करने का प्रयास है। यह स्मारक चरखा भारतीय संस्कृति, स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

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