Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में परंपरागत खेती से ऊब चुके किसान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंप्रेस होकर आधुनिक युग की खेती शुरू की है उसने सोशल मीडिया पर मन की बात कार्यक्रम में ड्रैगन फ्रूट की खेती का जिक्र सुनने के ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू कर दी है 2 एकड़ में की जा रही इस खेती को देखकर अब आसपास के किसान भी प्रेरित हो रहे हैं।
हरदोई जिले के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र बाबरपुर निवासी किसान अशोक कुमार बाजपेई काफी समय से गेहूं, आलू ,मूंगफली, मक्का, बाजरा,धान, गन्ना इत्यादि फासले पारंपरिक खेती के रूप में कर रहे थे। बाढ़, वर्षा, बेमौसम देवी आपदा से उनकी फसले अक्सर नुकसान देती रहती थी इस कारण उनकी आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पढ़ता रहता था। अशोक ने बताया कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी इंप्रेस है इसको लेकर व सोशल मीडिया पर उन्हें अक्सर फॉलो करते रहते हैं मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में ड्रैगन फ्रूट की खेती के विषय में जानकारी दी थी। इसके बाद उन्होंने इस अनोखी खेती को करने का और तरीका पता किया है उन्होंने हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी से इस बाबत और ज्यादा जानकारी ली है और वह अब दो एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं जिसका असर अब दिखाई देने लगा है उनकी खेती में सार्थक नतीजे भी दिखाई पड़ने लगे हैं अब आसपास के किस भी उनसे इस खेती के विषय में जानकारी लेकर इसे करने का मन बना रहे हैं।
आंध्र प्रदेश से मंगाई Dragon Fruit की पौधा
पाली के बाबरपुर निवासी अशोक कुमार बाजपेई ने बताया कि उसने ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए आंध्र प्रदेश से पौधा मंगाई है इसमें उसके इंजीनियर भतीजे ने भी काफी सहयोग किया है जिला उद्यान विभाग से भी सब्सिडी मिली है उसके शाहजहांपुर निवासी रिश्तेदार भी इस खेती को कर रहे हैं 2 एकड़ में करीब 12 लख रुपए की लागत आई है वह इस खेती के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्होंने बताया कि उन्होंने खेत पर ही अपने हाथ से ही पिलर तैयार किए हैं यह खेती किसान की सोच से भी आगे मुनाफा देने वाली खेती साबित हो रही हैं।
हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट के एक पौधे से दूसरे पौध की दूरी 2 मीटर रखी जाती है सही खाद पानी और रखरखाव से यह पौध कई सालों तक फल देती रहती है पानी देने के लिए ड्रिप इरीगेशन विधि सबसे कारगर है देवी आपदा का इस पर कम फर्क पड़ता है। इसे कम पानी की आवश्यकता होती है। 2 एकड़ में करीब 34 सौ पौध तैयार की जा सकती है। ड्रैगन फ्रूट का उपयोग वाइन, फेस पैक, जेली, आइस क्रीम बनाने के लिए किया जाता है यह काफी पौष्टिक फल है देश के अलावा विदेश में भी इसकी अत्यधिक मांग है भारत में दिल्ली, बरेली, कानपुर, आगरा समेत देश के कई भागों में इसकी बेहतरीन मंडियां हैं जहां इसका अच्छा मूल्य मिलता है एक पौध में करीब 100 फल आते हैं और दो एकड़ में करीब 20 लाख की एक सीजन में कमाई होती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा की परियोजनाओं में समयबद्धता-गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। इनमें गड़बड़ी मिलने पर जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक की जवाबदेही तय होगी। और पढ़ें