उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश के बड़े निजी घराने उत्तर प्रदेश के वितरण क्षेत्र को हथियाने में दिलचस्पी रखते हैं। ये सभी बहुत तेजी से लगे हैं कि जल्द से जल्द पावर कारपोरेशन नया कंसलटेंट चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए टेंडर जारी करे, क्योंकि देश के सभी निजी घराने कंसल्टेंट के माध्यम से टेंडर को हथियाने के लिए अपनी रणनीति में हमेशा जुटे रहते हैं।
UPPCL कानूनी पचड़े में फंसा : टोरेंट पावर आगरा का मालिकाना हक DVVNL के पास, 2030 तक एग्रीमेंट के कारण PPP मॉडल कैसे होगा लागू?
Dec 31, 2024 19:11
Dec 31, 2024 19:11
टोरेंट पावर : फ्रेंचाइजी या बिचौलिया, एग्रीमेंट करना होगा कैंसिल
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा कि वर्ष 2010 में टोरेंट पावर को आगरा में 20 सालों के लिए फ्रेंचाइजी के रूप में रखा गया। कैबिनेट के निर्णय के तहत टोरेंट पावर आगरा का एग्रीमेंट 2030 तक चलेगा। टोरेंट पावर आगरा का 100 प्रतिशत मालिकाना हक दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को है, क्योंकि वह कोई कंपनी नहीं बल्कि फ्रेंचाइजी यानी बिचैलिया के रूप में काम कर रही है। ऐसे में यदि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में दो नई बिजली कंपनियां बन जाएंगी तो टोरेंट पावर के एग्रीमेंट का क्या होगा। इसका जवाब कौन देगा? वास्तव में कानूनन सबसे पहले टोरेंट पावर का एग्रीमेंट कैंसिल होना चाहिए। इन सब लीगल पहलुओं पर पावर कारपोरेशन और ऊर्जा मंत्री को को जवाब देना चाहिए।
टोरेंट पावर ने 2200 करोड़ का बकाया अब तक नहीं चुकाया
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन ने जिस जल्दबाजी में मसौदे की मंजूरी एनर्जी टास्कफोर्स से ली, उसमें वित्तीय और तकनीकी सहित लीगल सवालों का जवाब तो उसे देना ही होगा। प्रदेश की बिजली कंपनियों पर सबसे बड़ा अधिकार उपभोक्ताओं का है। ऐसे में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का सवाल बेहद गंभीर है। किसी भी हालत में निजी घरानों के हाथों में प्रदेश की जनता का हक सुरक्षित नहीं रहने वाला है। इसलिए प्रदेश सरकार को इन लीगल विवादों से बचना चाहिए। टोरेंट पावर ने लगभग 2200 करोड़ की धनराशि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का पिछले बकाये के रूप में अभी तक नहीं दी है। उसका क्या होगा और वह कब दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को मिलेगा, ये बात भी स्पष्ट होनी चाहिए।
नया कंसलटेंट चयन को टेंडर का इंतजार कर रहे निजी घराने
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश के बड़े निजी घराने उत्तर प्रदेश के वितरण क्षेत्र को हथियाने में दिलचस्पी रखते हैं। ये सभी बहुत तेजी से लगे हैं कि जल्द से जल्द पावर कारपोरेशन नया कंसलटेंट चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए टेंडर जारी करे, क्योंकि देश के सभी निजी घराने कंसल्टेंट के माध्यम से टेंडर को हथियाने के लिए अपनी रणनीति में हमेशा जुटे रहते हैं। दरअसल उन्हें पता है कि टेंडर की शर्तें जितना उनके हक में होंगी, उतना ही आगे उनको बड़ा लाभ मिलेगा। उपभोक्ता परिषद भी इस पर पूरी नजर बनाए हुए है। पावर कारपोरेशन जैसे ही नए कंसलटेंट चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ााएगा, उपभोक्ता परिषद अपनी संवैधानिक लड़ाई को और तेज करेगा।
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