डिलीवरी एजेंट्स को पेंशन और हेल्थ इंश्योरेंस! : जोमैटो, फ्लिपकार्ट, Amazon और Blinkit में नई सुविधा लागू करने की तैयारी, संपूर्ण देश में लागू होगी नीति

जोमैटो, फ्लिपकार्ट, Amazon और Blinkit में नई सुविधा लागू करने की तैयारी, संपूर्ण देश में लागू होगी नीति
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Oct 19, 2024 12:45

देश में ऑनलाइन और क्विक-कॉमर्स सेवाओं के विस्तार के साथ लाखों गिग वर्कर्स और डिलीवरी एजेंट्स की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।

Oct 19, 2024 12:45

New Delhi : देश में ऑनलाइन और क्विक-कॉमर्स सेवाओं के विस्तार के साथ लाखों गिग वर्कर्स और डिलीवरी एजेंट्स की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। जोमैटो, फ्लिपकार्ट, अमेजन और ब्लिंकिट जैसी प्रमुख कंपनियों के लिए काम करने वाले डिलीवरी एजेंट्स जल्द ही पेंशन, प्रोविडेंट फंड (पीएफ) और स्वास्थ्य बीमा जैसे लाभों के पात्र होंगे। केंद्र सरकार इन गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक नई नीति लाने पर विचार कर रही है, जो आगामी बजट सत्र से पहले लागू हो सकती है।

गिग वर्कर्स के लिए पेंशन और बीमा का प्रावधान
वर्तमान में, गिग वर्कर्स या डिलीवरी एजेंट्स को प्रति डिलीवरी या प्रति प्रोजेक्ट के आधार पर भुगतान किया जाता है, लेकिन उनके लिए पेंशन, बीमा या प्रोविडेंट फंड जैसी कोई सामाजिक सुरक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं है। श्रम मंत्रालय ने ऐसे वर्कर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उनके लिए पेंशन, बीमा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की योजना बनाई है।

सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत आएंगे लाखों गिग वर्कर्स
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस नीति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार गिग वर्कर्स के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत डिलीवरी एजेंट्स को न केवल पेंशन और प्रोविडेंट फंड जैसी सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य बीमा और अन्य आवश्यक सामाजिक सुरक्षा लाभ भी प्रदान किए जाएंगे। मंडाविया ने कहा, "यह नीति गिग वर्कर्स को उनके अधिकारों से वंचित होने से बचाने के लिए बनाई जा रही है। सरकार चाहती है कि इन वर्कर्स को भी उसी प्रकार की सुविधाएं मिलें, जैसी अन्य पूर्णकालिक कर्मचारियों को मिलती हैं।" सरकार का लक्ष्य बजट सत्र के दौरान इस नीति को पेश करना है ताकि जल्द से जल्द यह प्रभावी हो सके।


गिग वर्कर्स की संख्या में हो रहा है तेजी से इजाफा
नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भारत में वर्तमान में लगभग 65 लाख गिग वर्कर्स कार्यरत हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इस क्षेत्र के तेजी से विस्तार को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही यह संख्या 2 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी। ऐसे में सरकार की यह पहल गिग वर्कर्स के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें सुरक्षा देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

संपूर्ण देश में लागू होगी नीति
केंद्रीय श्रम मंत्री ने बताया कि इस नई नीति को देशभर में कानूनी रूप से लागू किया जाएगा। इसके अंतर्गत गिग वर्कर्स को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी, जिससे उनके भविष्य की चिंताओं को कम किया जा सके। इस योजना के तहत उन्हें पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ बीमा का भी लाभ मिलेगा, जो उनके लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।

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