खास पहल : संपत्तियों और दस्तावेजों को डिजिटली उपलब्ध कराने वाला पहला विकास प्राधिकरण बना एडीए

UPT | आगरा विकास प्राधिकरण ने किया ईआरपी का शुभारंभ

Jan 31, 2024 21:18

आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ईआरपी (ERP) सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है। जिसका शुभारंभ मांडलायुक्त रितु माहेश्वरी द्वारा किया गया है। यह ईआरपी प्राधिकरण को आवंटियों, किरायेदारों व प्लॉट ले-आउट आदि के डिजिटलीकरण और प्रबन्धन में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा।

Agra News : आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ईआरपी (ERP) सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है। जिसका शुभारंभ मांडलायुक्त रितु माहेश्वरी द्वारा किया गया है। यह ईआरपी प्राधिकरण को आवंटियों, किरायेदारों व प्लॉट ले-आउट आदि के डिजिटलीकरण और प्रबन्धन में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा। ऐसे में सभी समस्याओं का निराकरण अब एक ही जगह पर होगा।

इन कठिनाइयों का करना पड़ता है सामना
आगरा विकास प्राधिकरण में सम्पत्ति अनुभाग तथा आवंटियों को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। सम्पत्तियों का रिकार्ड पूर्ण व ऑनलाइन न होने के कारण आवंटियों को अपना हिसाब देखने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। यदि कोई किस्त जमा करनी होती तो आवंटियों को प्राधिकरण आना पड़ता था। साथ ही बकाये का विवरण प्राप्त करने हेतु प्राधिकरण आने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं था। उच्चाधिकारीयों द्वारा एवं विभिन्न न्यायालय के प्रकरणों में सम्पत्ति विभाग से किसी भी सम्पत्ति की जानकारी मांगे जाने पर प्रत्येक सम्पत्ति की अद्यतन स्थिति ज्ञात नहीं हो पाती थी। आवंटियों को अपनी सम्पत्ति से सम्बन्धित ऑनलाइन भुगतान की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। वसूली हेतु बकायेदारों की सम्पूर्ण सूची सम्पत्ति विभाग को उपलब्ध नहीं हो पाती थी। किसी भी फाइल से सम्बन्धित रजिस्ट्री के पेपर, आवंटन पत्र आदि को खोजने में समय लगता था और कभी-कभी प्रपत्र निकालने में अत्याधिक विलम्ब का सामना करना पड़ता था। सभी योजनाएं पूर्ण तथ्य एक साथ नहीं देखी जा सकती थीं। सम्पत्ति अनुभाग को रिक्त सम्पत्तियों की प्रमाणित सूची उपलब्ध कराने में कठिनाई होती थी। विवादित, अवैध कब्जे, मौके पर अनउपलब्ध प्राकृतिक स्ट्रक्चर आदि सम्पत्तियों तथा कौन सी सम्पत्ति की जानकारी किस कराणवश आवंटित नहीं की जा सकी, इसकी जानकारी नहीं मिल पाती थी।

समस्याओं के निराकरण को सॉफ्टवेयर तैयार
इन सभी समस्याओं के निराकरण हेतु आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा ऑनलाइन ईआरपी सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है। इस नवीन ईआरपी सॉफ्टवेयर की कई खासियते हैं। इस ईआरपी में इंटीग्रेटेड प्राॅपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस), रेंटेड प्राॅपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम (आरएमएस), इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल एकाउंटिंग मैनेजमेंट सिस्टम (आईएफएएमएस), विद इनकम चालान मैनेजमेंट सिस्टम (आईसीएमएस) तथा लीगल केस मैनेजमेंट सिस्टम व ई-ऑक्शन शामिल हैं। यह एक ऐसा ईआरपी सॉफ्टवेयर, है जो विकास प्राधिकरण के लेखा खंड और सभी संबंधित खंडों से मजबूती से जुड़ा हुआ है।

आवंटियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
इस सॉफ्टवेयर के जरिए आवंटी को अपने मोबाइल, लैपटाप तथा कम्प्यूटर सिस्टम पर अपना हिसाब देखने की सुविधा प्रदान की गई है। यह सॉफ्टवेयर सिस्टम लॉगिन आधारित है। प्रत्येक आंवटी अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर ओटीपी द्वारा लॉगिन कर अपनी सम्पत्ति का लेखा देख सकता है। अन्य कोई व्यक्ति उसकी सम्पत्ति से सम्बन्धित कोई सूचना प्राप्त नही कर सकता है। यदि आवंटी का मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड नहीं है, तो वह मोबाइल रजिस्ट्रेशन फाॅर्म, जोकि ऑनलाइन उपलब्ध है, को भरकर मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड करने हेतु आवेदन कर सकता है। इस फाॅर्म के साथ उसे आवंटन पत्र व आईडी संलग्न करनी होगी। सम्पत्ति आधिकारी द्वारा आवेदन पत्र व संलग्न प्रपत्रों के सत्यापन उपरान्त मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा। आंवटी अपना भुगतान घर बैठे ही कर सकेंगे। इससे किसी भी आवंटी को किस्त जमा कराने हेतु प्राधिकरण आने की आवश्यकता नहीं होगी।

सबकुछ रहेगा ऑनलाइन
यदि कोई व्यक्ति नई सम्पत्ति लेना चाहता है, तो सभी रिक्त सम्पतियों की जानकरी वह घर बैठकर देख सकता है और ई-ऑक्शन के माध्यम से क्रय कर सकता है। प्राधिकरण को मिलने वाले लाभ यथा- सम्पत्ति अनुभाग को बकायेदारों की सम्पूर्ण सूची एक क्लिक पर उपलब्ध होगी तथा बकायेदारों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर एसएमएस भेजे जाने की भी सुविधा इस नवीन सॉफ्टवेयर में उपलब्ध कराई गई है। अब प्राधिकरण की योजनाओं के अन्तर्गत सम्पत्ति का विवरण व आवंटन पत्र, रजिस्ट्री प्रपत्र विभाग एक क्लिक पर उपलब्ध होगा। प्राधिकरण की रिक्त सम्पत्तियों का विवरण अब सुगमता से ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। बकायेदारों की सूची एक निश्चित धनराशि से अधिक बकाया के आधार पर भी उपलब्ध होगी, जिससे प्राधिकरण को राजस्व वसूली में काफी सुगमता होगी। प्राधिकरण को समायोजित सम्पत्तियों का विवरण भी एक क्लिक में उपलब्ध होगा। जिन सम्पत्तियों का आवंटन किसी कारणवश नहीं किया जा पा रहा है, ऐसी विवादित सम्पत्तियों को भी चिह्नित किया गया है तथा विवादित सम्पत्तियों का वर्गीकरण निम्न श्रेणीयों के अनुसार किया गया है।

(अ) न्यायालय में विचाराधीन
(ब) अवैध कब्जा
(स) प्राकृतिक अवरोध
(द) मौके पर अनुपलब्धता


19,340 संपत्तियों का हो चुका है डिजिटलीकरण
ऐसी सम्पत्तियां जिनका पूर्ण भुगतान हो चुका है, परन्तु अभी तक आवंटी द्वारा रजिस्ट्री नहीं कराई गई है, का भी वर्गीकरण किया गया है। जिसको लेकर एसएमएस के माध्यम से उन्हे सूचित कर रजिस्ट्री की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। आवंटित सम्पत्तियों के प्रकार जैसे HIG, MIG, MMIG, LIG, EWS भवन एवं भूखण्ड के अनुसार भी सम्पत्तियों का वर्गीकरण किया गया है। प्रतिदिन की वसूली रिपोर्ट भी देखी जा सकती है। नए आवंटियों को ई-ऑक्शन के पश्चात् आवंटन पत्र इसी सॉफ्टवेयर से जारी किए जाएंगे। बकायेदारों को डिमाण्ड नोटिस भेजने की सुविधा भी उपलब्ध है। प्रत्येक माह में देय किस्तों की आवंटी सूची भी उपलब्ध होगी तथा आवंटियों को स्मरण हेतु एस०एम०एस भी भेजे जा सकते हैं। सात महीनों के अथक प्रयासों के फलस्वरूप प्रथम चरण में अब तक छह मुख्य चलित योजनाओं में 19,340 सम्पत्तियों का डिजिटलीकरण कर लिया गया है।

जारी है फीडिंग
संबंधित डेटा के सत्यापन हेतु सभी सम्पत्ति लिपिकों तथा सम्पत्ति अधिकारियों से प्रमाण पत्र भी लिए गए हैं। इसके साथ ही योजनाओं के मूल ले आउट तथा पूरक ले आउट से मिलान किया गया है। इन सभी ले आउट की सॉफ्ट कॉपी सॉफ्टवेयर में उपलब्ध रहेगी। ले आउट की पूर्णता के सत्यापन हेतु नियोजन विभाग के लिपिकों व अधिकारियों से प्रमाण पत्र भी लिए गए हैं। इन सभी प्रमाण पत्रों को सॉफ्टवेयर में ही अपलोड किया गया है। सॉफ्टवेयर में फीड किए गए डेटा की यथार्थता की जांच हेतु चैक पेपर सॉफ्टवेयर से निकालकर प्रत्येक सम्पत्ति की फाइल में लगा कर सम्पत्ति विभाग को उपलब्ध करा दिए गए हैं। सभी डेटा का लैंड ऑडिट रिपोर्ट से भी मिलान किया गया है। पूर्व में प्राधिकरण में लैण्ड ऑडिट रिर्पोट के अनुसार इन योजनाओं में कुल सम्पत्तियां 17,414 थीं। डेटा की सम्पूर्णता के लिए अथक प्रयास कर 19,953 सम्पत्तियों का डेटा फीड किया गया है।

इनकी रही मौजूदगी
आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने कहा कि इस ईआरपी का शुभारंभ हमारे प्राधिकरण के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम इस ईआरपी के माध्यम से आवंटियों को सुसंगत सेवाएं प्रदान करने के लिए उत्साहित हैं। दस्तावेज सहित सम्पत्ति की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाला यह सॉफ्टवेयर उत्तर प्रदेश में प्रथम बार आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा इस ईआरपी के माध्यम से प्राधिकरण में प्रशासकीय व वित्तीय प्रबंधन सुगम हो जाएगा। उक्त ईआरपी सॉफ्टवेयर एचडीएफसी बैंक के द्वारा उपलब्ध कराया गया है। जिसे मैक कम्प्यूटर केन्द्र द्वारा विकसित किया गया है। जिसका यूआरएल www.adaagraservices.org है। लांचिंग के दौरान उपाध्यक्ष चर्चित गौड़, वित नियन्त्रक, रीता सचान, संयुक्त सचिव सोमकमल आदि सहित प्राधिकरण के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। वहीं एचडीएफसी बैंक के प्रतिनिधि अंजू सूद, सर्कल हैड, नितिन कुमार, कल्सटर हैड, पायल प्रियदर्शिनी, एनएएम, इदेश पाठक, ब्रांच मैनेजर तथा रिपूदमन वत्स, गवर्नमेंट रिलेशनशिप मैनेजर मौजूद रहे।

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