आगरा में जॉइंट डायरेक्टर गिरफ्तार : रिश्वत लेने का मामला, वीडियो में दिखी जबरदस्ती की कार्रवाई

UPT | आगरा में जॉइंट डायरेक्टर गिरफ्तार

Sep 11, 2024 20:37

आगरा में 17 अगस्त को माध्यमिक शिक्षा विभाग के जॉइंट डायरेक्टर आरपी शर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

Agra News : आगरा में 17 अगस्त को माध्यमिक शिक्षा विभाग के जॉइंट डायरेक्टर आरपी शर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ लोग एक व्यक्ति को जोर-जबर्दस्ती से एक गाड़ी में बैठाते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि वह व्यक्ति चीख-पुकार कर रहा है। यह घटना उस समय की है जब विजिलेंस की टीम ने आरपी शर्मा को तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

रिश्वत का आरोप
विजिलेंस के अधिकारियों का कहना है कि आरपी शर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। वीडियो में जो व्यक्ति गाड़ी से खींचा जा रहा है, वह आरपी शर्मा ही है, ऐसा दावा किया जा रहा है। वीडियो में अंधेरे में गाड़ी के पास भीड़ और चीख-पुकार सुनाई दे रही है। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग, जिन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा है, आरपी शर्मा को गाड़ी में डालने के लिए उसे धक्का देते हैं और पीटते हैं।



जॉइंट डायरेक्टर को बचाने के प्रयास
इस घटना के बाद विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने कार्रवाई को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे एक साजिश करार दिया है और आरोप लगाया है कि विजिलेंस ने अत्यधिक शक्ति का प्रयोग किया है। इसके अलावा, कुछ अधिकारियों ने यह भी बताया कि जब विभाग के अधिकारी आरपी शर्मा को बचाने की कोशिश कर रहे थे, तो उन्हें भी धमकाया गया। 17 अगस्त की शाम को विजिलेंस ने शिक्षकों की शिकायत पर आरपी शर्मा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने जॉइंट डायरेक्टर के समर्थन में प्रदर्शन किया। यूपी एजुकेशनल ऑफिसर्स एसोसिएशन भी जॉइंट डायरेक्टर के समर्थन में आ गई है।

जांच दल की पूछताछ
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है। इस टीम में विजिलेंस के सचिव राजेश कुमार और विशेष सचिव गृह विभाग वीके सिंह शामिल हैं। उन्होंने आगरा पहुंचकर जॉइंट डायरेक्टर के कार्यालय के बाबू देवेंद्र वर्मा, डीआईओएस के बाबू कृष्ण मोहन त्यागी, जॉइंट डायरेक्टर के ड्राइवर विजय पाल सिंह और परिचारक सरवन कुमार से पूछताछ की। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और 42 शिक्षकों की भर्ती के बारे में भी जानकारी जुटाई। इसके अलावा, उन्होंने शिकायतकर्ता शिक्षक अजय पाल सिंह को भुगतान के संबंध में जानकारी मांगी और सभी दस्तावेज भी तलब किए।

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