हाल-ए-जिला अस्पताल : व्यवस्था देखकर कमिश्नर हैरान, जानें क्या दिए निर्देश...

UPT | जिला अस्पताल का निरीक्षण करतीं मंडलायुक्त ऋतु माहेश्वरी।

Jul 26, 2024 02:08

उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है। लेकिन, सरकार की मंशा के अनुरूप आगरा का जिला अस्पताल काम नहीं कर रहा है। उत्तर प्रदेश टाइम्स जिला...

Agra News : उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है। लेकिन, सरकार की मंशा के अनुरूप आगरा का जिला अस्पताल काम नहीं कर रहा है। उत्तर प्रदेश टाइम्स जिला अस्पताल की कमियों को लगातार उजागर करता रहता है। फिर भी उसके रवैये में कोई सुधार नहीं हो रहा है। वहां अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। इस बात की पुष्टि मण्डलायुक्त रितु माहेश्वरी के निरीक्षण में हो गई। गुरुवार को रितु माहेश्वरी जिला अस्पताल निरीक्षण करने के लिए पहुंची। जिला अस्पताल में पहुंचते ही उन्हें एक मरीज ने शिकायत कर दी। उन्होंने इत्मीनान से मरीज की शिकायत सुनी और शिकायत को अपने साथ ले गईं। 

ऑपरेशन के नाम पर मांगे 14 हजार रुपये 
मण्डलायुक्त ने सबसे पहले हड्डी रोग की ओपीडी का निरीक्षण किया। यहां के चिकित्सकों एवं मरीज से इत्मीनान से बात की और उनकी समस्याओं को जाना। यहां के चिकित्सकों से बात कर वह जैसे ही बाहर निकलीं, व्हीलचेयर पर एक मरीज बैठा हुआ था। मंडलायुक्त ने उसकी मर्ज जानी तो पता चला कि मरीज से ऑपरेशन के नाम पर 14 हजार रुपये मांगे गए थे, लेकिन मरीज ने 12 हजार रुपये की राशि दी थी। इस शिकायत को मंडलायुक्त ने गंभीरता से सुना। 
हर जगह मिली कमियां और शिकायतें
हड्डी रोग की ओपीडी के बाद वह अस्पताल की दवाई वितरण केंद्र पर पहुंची और वहां की व्यवस्थाओं को जाना। इस दौरान उन्होंने दवा वितरण केंद्र पर मरीज और तीमारदारों से बातचीत की। अधिकतर मरीज ने संतुष्टि व्यक्त की। मरीज का कहना था कि दवाइयां बाहर के लिए लिखी गईं हैं। वहां पर मौजूद अधीक्षक डॉ. सीपी वर्मा ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा के ये दवाइयां बाहर के लिए नहीं, बल्कि औषधि केंद्र के लिए लिखी गई हैं। यहां का निरीक्षण कर मंडलायुक्त एक्स-रे /सीटी स्कैन और पैथोलॉजी लैब पहुंची। यहां पर उन्होंने मरीजों एवं स्टाफ से बात की। एक्स-रे एवं सिटी स्कैन वार्ड में एक मरीज ने मंडलायुक्त से शिकायत की कि उसे बाहर की दवाइयां लिखी गईं हैं। उन्होंने मण्डलायुक्त को पर्चा भी दिखाया। पर्चे के अंदर साफ तौर पर बाहर की दवाइयां लिखी हुईं थीं। इसके साथ ही एक दवाई कटी हुई थी। मरीज की शिकायत पर डॉ. राजेंद्र अरोड़ा और अन्य स्टाफ बगले झांकने लगे। तभी अधीक्षक डॉ. सीपी वर्मा ने मामले को संभाल और कहा कि डॉक्टर ने यह दवाइयां औषधि केंद्र के लिए लिखी हैं न कि बाहर के लिए। मंडलायुक्त ने करीब 10 मिनट मरीज से बात की और उसे इस बाहरी दवा की जगह अन्य दवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। 

कमिश्नर ने की मरीजों से बात
एक्स-रे केंद्र से निकलकर मंडलायुक्त इमरजेंसी वार्ड में पहुंचीं यहां पर उन्होंने कई मरीजों से बातचीत की। उनसे पूछा कि खाना और दवाइयां समय से मिल रहीं हैं कि नहीं। दवाइयों से उनके उपचार में कोई लाभ मिल रहा है या नहीं। यहां पर करीब तीन मरीजों से मंडलायुक्त ने बात की। यहां सब कुछ ठीक-ठाक मिला। इसके बाद आईसीयू की तरफ उन्हें लाया गया। यहां पर भर्ती मरीजों से बातचीत की एवं सुविधाओं की जानकारी ली।मंडलायुक्त ने एक घंटा जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और चिकित्सकों एवं मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ मरीज एवं तीमारदारों से बात की। इस दौरान मण्डलायुक्त रितु महेश्वरी अस्पताल के स्टोर रूम में भी पहुंची और एक्सपायरी एवं वर्तमान दवाइयां की जानकारी ली एवं रजिस्टर चेक किया। 

कम हो रही सर्जरी
निरीक्षण के बाद मण्डलायुक्त ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज जिला अस्पताल का निरीक्षण किया है। अधिकतर मामले संतोषजनक पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह बिल्डिंग बहुत पुरानी है और जर्जर हो चुकी है। मेंटेनेंस का अभाव दिखाई दे रहा है। अब यहां पर एक नई बिल्डिंग की आवश्यकता प्रतीत हो रही है। उन्होंने बताया कि यहां पर दूसरा मामला सर्जरी से जुड़ा हुआ है। सर्जरी यहां पर बहुत कम हो रही है। यहां पर सर्जन मौजूद हैं, बावजूद इसके यहां पर सर्जरी कम हो रही है। यहां पर सर्जरी के कुछ इश्यूज हैं, उन्हें देखा जा रहा है। 

खराब है एक्स-रे मशीन
मंडलायुक्त ने कहा कि चिकित्सकों द्वारा बाहरी दवाइयां लिखी जा रही हैं और जन औषधि केंद्र के लिए मरीज को भेजा जा रहा है। यहां पर निर्देशित किया गया है कि चिकित्सक वही दवाइयां लिखें, जो उपलब्ध हैं। उन्होंने एक्सपायरी दवाइयां को लेकर कहा कि अभी यह लोग एक्सपायरी दवाइयां की जानकारी नहीं दे पाए हैं, इसे जानकारी मांगी जा रही है। उन्होंने बताया कि निरिक्षण के दौरान एक्सरे की एक मशीन खराब पाई गई है। यह मशीन कब से खराब है, इसकी जानकारी की जा रही है।

शिकायतों की होगी जांच
​कमिश्नर ने उत्तर प्रदेश टाइम्स के सवाल पर कहा कि जो चिकित्सक बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं, उनके लिए मौखिक आदेश दे दिए गए हैं। यहां पर कह दिया गया है कि कोई भी चिकित्सक बाहर की दवाइयां नहीं लिखेगा। दवाई बाहर के लिए क्यों लिखी जा रही हैं, इसकी जांच कराई जाएगी। जब उनसे सवाल किया कि मरीज से मेडिकल के नाम से वसूली की जाती है, तो उन्होंने कहा कि हमारे संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। 

ये अफसर भी मौजूद रहे
मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी के निरीक्षण के दौरान डीएम भानु चंद्र गोस्वामी, अपर चिकित्सा अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव, एसआईसी डॉ. राजेंद्र अरोड़ा, अधीक्षक डॉ. सीपी वर्मा एवं जिला अस्पताल प्रबंधन का स्टॉफ मौजूद रहा। 

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