कम मुआवजा मिलने से ग्रामीणों में गुस्सा : कांग्रेस ने बताया ऊंट के मुंह में जीरा, मंत्री से नहीं मिलने देने का आरोप

UPT | कम मुआवजा मिलने से ग्रामीणों में गुस्सा

Sep 22, 2024 19:16

जमींदोज और जर्जर मकानों के लिए प्रशासन द्वारा दिए जा रहे मुआवजे की कम धनराशि के खिलाफ ग्रामीणों में गुस्सा फूट पड़ा है। ग्रामीणों ने इसके विरोध में रविवार को सचिवालय में धरना दिया।

Short Highlights
  • कांग्रेस ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
  • ग्रामीणों में भड़का गुस्सा
  • मंत्री से मिलने नहीं देने का आरोप
Firozabad News : फिरोजाबाद के थाना शिकोहाबाद के गांव नौशहरा में हुए हादसे के बाद प्रशासन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जमींदोज और जर्जर मकानों के लिए प्रशासन द्वारा दिए जा रहे मुआवजे की कम धनराशि के खिलाफ ग्रामीणों में गुस्सा फूट पड़ा है। ग्रामीणों ने इसके विरोध में रविवार को सचिवालय में धरना दिया।

कांग्रेस ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
धरने का समर्थन करने के लिए फिरोजाबाद से आए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव धर्म सिंह यादव ने प्रशासन द्वारा दी गई आर्थिक मदद को ऊंट के मुंह में जीरा बताया। पीड़ित ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनके आवास नहीं बनाए जाते, तब तक वे सभी सचिवालय में डटे रहेंगे। रविवार सुबह 10 बजे से ग्रामीण मुआवजे की कम धनराशि के विरोध में पंचायत सचिवालय में भूख हड़ताल और धरना पर बैठ गए।

ग्रामीणों में भड़का गुस्सा
हादसे में मकानों के जमींदोज होने और कई मकानों के क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ है। प्रशासन ने जमींदोज हो चुके मकानों को दोबारा बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये और क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए 6,500 रुपये देने का एलान किया था। शनिवार को आए कैबिनेट मंत्री ठा. जयवीर सिंह ने भी शासन-प्रशासन से मिलने वाली मुआवजे की मदद का एलान किया था। इसके बाद से ही ग्रामीणों में गुस्सा भड़क गया। ग्रामीणों ने मुआवजे की धनराशि को नाकाफी बताया है।

मंत्री से मिलने नहीं देने का आरोप
ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें मंत्री से मिलने नहीं दिया गया। उन्हें महिला पुलिस लगा कर एक कमरे में बंद कर दिया गया और कहा गया कि वे चाय पिएं, इसके बाद एक-एक कर मिलने दिया जाएगा। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि प्रशासन छोटे अपराधियों की संपत्ति जब्त करता है, लेकिन विस्फोट के आरोपी भूरे और मकान स्वामी प्रेम सिंह, जिसके घर में पटाखों का जखीरा भरा था, के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने मांग की कि इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनकी संपत्ति जब्त कर पीड़ित परिजनों को दी जाए, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके।

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