हरियाली अमावस्या का उत्सव : कुंज गलियों में बांके बिहारी के दर्शन को खाए धक्के, भीड़ में बेहोश हुए दो श्रद्धालु

UPT | ठाकुर श्री बांके बिहारी के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

Aug 05, 2024 11:02

हरियाली अमावस्या के मौके पर मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गईं। बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए हजारों भक्तों की भीड़ पहुंच गई। मंदिरों का छोटा दायरा और भक्तों की भीड़ के हुजूम में हर ओर व्यवस्थाएं ध्वस्त होती नजर आईं। सड़क से लेकर मंदिर तक सिर्फ धक्का-मुक्की ही देखने को मिली।

Mathura News : मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में हरियाली अमावस्या के अवसर पर रविवार को भक्तों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, जो ठाकुर श्री बांके बिहारी के दर्शन के लिए लालायित थे। मंदिर के आसपास की कुंज गलियां भी श्रद्धालुओं से भर गईं, जिससे आवागमन में काफी कठिनाई हुई। 

वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा
कुंज गलियों में भारी भीड़ होने से श्रद्धालुओं को धक्के खाने पड़े। भीड़ के कारण दो श्रद्धालु - रघुवीर (55) और सुनीता (48) बेहोश हो गए। उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में घर भेज दिया गया। यह घटना मंदिर प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी। इसी के बाद वृंदावन प्रशासन ने हरियाली तीज के मद्देनजर सोमवार से वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

सुगंधित फूलों के डोल में विराजमान हुए ठाकुर जी
हरियाली अमावस्या के विशेष दिन पर ठाकुर जी को सुगंधित फूलों के डोल में विराजमान किया गया था, जो ग्रीष्मकाल में उन्हें शीतलता प्रदान करने की परंपरा का हिस्सा है। रविवार को सीजन के आखिरी फूल बंगला का समापन भी था, जो हरियाली अमावस्या पर होता है। 

मंदिर के प्रमुख मार्गों पर भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं, जो अपने आराध्य देव की एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे। शृंगार आरती से पहले ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।

स्वर्ण-रजत हिंडोले में झूलते हुए दर्शन देंगे बांके बिहारी  
हरियाली तीज के अवसर पर, जो इस वर्ष 7 अगस्त को है, ठाकुर श्री बांके बिहारी दोनों समय भव्य स्वर्ण-रजत हिंडोले में झूलते हुए दर्शन देंगे। यह एक अद्भुत दृश्य होगा, जिसे देखने के लिए हजारों भक्त उमड़ेंगे।

हरियाली तीज का विशेष महत्व 
मंदिर के सेवायत आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि हरियाली तीज का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा, "इसी दिन माता पार्वती की कठोर तपस्या के बाद उनका भगवान शिव से पुनर्मिलन हुआ था। इस मिलन की खुशी में भोलेनाथ ने पेड़ों पर अपनी जटाओं से झूला बनाकर मां गौरा को झुलाया था। तभी से इस पर्व पर सभी आराध्य देवों को झूला झुलाने की परंपरा चली आ रही है।"

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