Mathura News : रंगा बिल्ला गैंग के सदस्यों को आजीवन कारावास, हत्या और डकैती मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा

UPT | कोर्ट से बाहर जाते रंगा बिल्ला

Sep 13, 2024 02:58

गुरुवार को कोर्ट ने मथुरा के दोहरे हत्याकांड में रंगा बिल्ला गैंग के नौ आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अदालत ने सात आरोपियों को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया...

Mathura News : गुरुवार को कोर्ट ने मथुरा के दोहरे हत्याकांड में रंगा बिल्ला गैंग के नौ आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अदालत ने सात आरोपियों राकेश चतुर्वेदी उर्फ रंगा, नीरज चतुर्वेदी, कामेश उर्फ चीनी, महेश यादव, सौरभ यादव, हर्षवर्धन चतुर्वेदी, और आयुष चतुर्वेदी को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया। वहीं, दो आरोपियों आदित्य नागर और लखन नोहबार को 10-10 साल की सजा और 20-20 हजार रुपये का अर्थ दंड दिया गया। यह फैसला सर्राफा व्यापारियों की हत्या और 5 करोड़ की डकैती से जुड़ा है।

डकैती और हत्याकांड की घटना
बता दें कि 15 मई 2017 को गोंडा शहर के छत्ता बाजार स्थित कोयला वाली गली में सर्राफा कारोबारी मयंक अग्रवाल की दुकान पर बदमाशों ने हथियारों के साथ हमला किया। बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए 5 करोड़ की डकैती की और विरोध करने पर तीन व्यापारियों और दो कर्मचारियों को घायल कर दिया। गोली लगने से व्यापारी मेघ अग्रवाल और विकास अग्रवाल की मौत हो गई, जबकि मयंक अग्रवाल गंभीर रूप से घायल हुए।

यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल
दिनदहाड़े शहर के मुख्य बाजार में हुई इस घटना ने यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। स्थानीय व्यापारियों और विपक्षी दलों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया, जिससे सरकार और पुलिस पर दबाव बढ़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

पुलिस ने एक सप्ताह में खुलासा किया
पुलिस ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद एक सप्ताह के भीतर इस हत्याकांड और डकैती की घटना का खुलासा किया। रंगा बिल्ला गैंग के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पांच साल की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ब्रह्मतेज चतुर्वेदी ने इस मामले में दोषियों को सजा सुनाई, जिससे न्याय की प्रक्रिया पूरी हुई।

विशेष न्यायाधीश ने सुनाई सजा
विशेष न्यायाधीश ब्रह्मतेज चतुर्वेदी ने रंगा बिल्ला गैंग के बदमाशों को दोषी मानते हुए सजा का ऐलान किया। इस फैसले से न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय मिला, बल्कि समाज में कानून के प्रति विश्वास भी मजबूत हुआ। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सजा का निर्णय लिया, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की उम्मीद है।

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