मथुरा में हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल : मुस्लिम कारीगर बना रहे भगवान कृष्ण के लिए पालना और सिंहासन

UPT | तैयार होता सिंहासन

Aug 22, 2024 19:03

मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली, में राजनीतिक विवादों के बावजूद हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल कायम है। यहां जाति, धर्म और सम्प्रदाय की दीवारों को तोड़ते हुए हिन्दू देवी-देवताओं के लिए मुस्लिम कारीगर अद्वितीय सहयोग और सौहार्द का प्रदर्शन कर रहे हैं।

Mathura News : मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली, में राजनीतिक विवादों के बावजूद हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल कायम है। यहां जाति, धर्म और सम्प्रदाय की दीवारों को तोड़ते हुए हिन्दू देवी-देवताओं के लिए मुस्लिम कारीगर अद्वितीय सहयोग और सौहार्द का प्रदर्शन कर रहे हैं। ये कारीगर भगवान कृष्ण के लिए विशेष रूप से तैयार किए जा रहे पालना और सिंहासन में गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

काम में हजार से अधिक मुस्लिम कारीगर लगे
मथुरा में एक हजार से अधिक मुस्लिम कारीगर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि भगवान लड्डू गोपाल के लिए अत्यधिक सुंदर और अनूठे डिजाइन के पालना और सिंहासन तैयार किए जा सकें। इन कारीगरों द्वारा बनाए गए ये पालना और सिंहासन न केवल मथुरा बल्कि देश-विदेश में ब्रज की खास पहचान को दर्शा रहे हैं।

भगवान और अल्लाह के बीच नहीं कोई भेदभाव
मुस्लिम कारीगर मोहम्मद अफजाल ने बताया कि वे भगवान और अल्लाह के बीच कोई भेदभाव नहीं मानते। उनके अनुसार, सभी एक ही हैं और वे बिना किसी भेदभाव के हिन्दू देवी-देवताओं के लिए झूला, पालना और सिंहासन तैयार करते हैं। इसी तरह, कारीगर मोहम्मद गुलवाय ने भी कहा कि ईश्वर और अल्लाह एक ही हैं। पूजा का तरीका भले ही अलग हो, लेकिन सभी लोग एक ही खुदा के बंदे हैं। वे गर्व महसूस करते हैं कि उनके द्वारा तैयार किए गए पालना और सिंहासन भगवान के लिए उपयोग में आ रहे हैं।



भगवान कृष्ण के लिए पालना और सिंहासन कर रहे तैयार
वर्कशॉप संचालक आशानंद ने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कारीगर लगातार काम में व्यस्त हैं। उनके द्वारा तैयार किए गए पालना और सिंहासन देश-विदेश के प्रमुख मंदिरों में भेजे जा रहे हैं। इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी के लिए जापान स्थित इस्कॉन मंदिर के लिए एक बड़ा सिंहासन तैयार किया जा रहा है, जिसे अंतिम रूप देने का कार्य चल रहा है। इसके अलावा, विभिन्न डिज़ाइन के छोटे और बड़े पालना भी तैयार किए जा रहे हैं, जो लोगों के घरों में सजावट के लिए भेजे जा रहे हैं। 

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