300 करोड़ की रिश्वत के आरोपों में घिरे इंजीनियर : बिहार में 90 करोड़ का मॉल, अब काली कमाई की होगी जांच 

UPT | सीएम योगी और आरके सिंह

Jul 17, 2024 13:10

अधिशासी अभियंता आरके सिंह पर 300 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। यह मामला तब सामने आया जब भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अशोक कुशवाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आगरा के मंडलायुक्त को इसकी शिकायत की।

Agra News : आगरा नगर निगम में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें अधिशासी अभियंता आरके सिंह पर 300 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। यह मामला तब सामने आया जब भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अशोक कुशवाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आगरा के मंडलायुक्त को इसकी शिकायत की। जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है

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बिहार में बनवाया 90 करोड़ का मॉल
आरोपों के अनुसार, आरके सिंह ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ठेकेदारों से मोटी रकम वसूली। इतना ही नहीं, उन पर अपने आठ साल के कार्यकाल के दौरान बिहार में एक विशाल शॉपिंग मॉल का निर्माण करवाने का भी आरोप है, जिसकी कीमत लगभग 90 करोड़ रुपये बताई जा रही है।



योगी सरकार ने बैठाई जांच
शिकायत में बताया गया है कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों के बैंक खातों रुपये पहुंचवाए। इन गंभीर आरोपों के मद्देनजर, उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मंडलायुक्त ऋतु महेश्वरी के निर्देश पर एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है, जो आरके सिंह की आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रही है।

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कराए जाने थे ये विकास कार्य
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आगरा में करीब 1000 करोड़ रुपये के विकास कार्य होने थे। इनमें ताजगंज क्षेत्र का विकास, एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निर्माण, 1216 सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, आठ स्वचालित शौचालयों का निर्माण, ताजगंज क्षेत्र में 24 घंटे गंगाजल की आपूर्ति, और 39 स्थानों पर प्रदूषण मापक सेंसर लगाना शामिल था। इसके अलावा, आठ करोड़ रुपये के गड्ढा मुक्त अभियान के नाम पर भी कई कार्य कराए गए। कई निर्माण कार्य बिना टेंडर के कराए गए

बिना टेंडर के कराए गए कई निर्माण कार्य
शिकायतकर्ता का आरोप है कि इन परियोजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ और कई निर्माण कार्य बिना उचित टेंडर प्रक्रिया के कराए गए। यहां तक कि नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल पर भी अभियंता से रिश्वत लेकर उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगा है। इससे अलग आरके सिंह का वाराणसी तबादला होने के बावजूद वे पिछले दो वर्षों से आगरा में ही डटे हुए हैं।

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2016 में तैनात हुए थे आगरा 
मूल रूप से बिहार के विलासपुर के निवासी आरके सिंह 2016 में आगरा नगर निगम में तैनात हुए थे। 2017 में उन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का पहला नोडल अधिकारी बनाया गया था। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया और भारी मात्रा में अवैध धन अर्जित किया। जांच के दौरान आरके सिंह ने कहा है कि वे पूरी तरह से जांच में सहयोग करेंगे। अब देखना यह है कि जांच में क्या पता चलता है और दोषियों के खिलाफ क्या कठोर कार्रवाई की जाती है। 

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