जिससे फेफड़ों में खून भर गया और उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई। वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए उनका ऑक्सीजन स्तर लगातार गिरता जा रहा था। एसएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जन डॉ.सुशील सिंघल और उनकी विशेषज्ञ टीम ने बिना समय गंवाए आपातकालीन सर्जरी का निर्णय लिया।