100वां चुनाव लड़ने जा रहे हैं हसनू राम : बोले- 'किसी में इतनी ताकत नहीं जो मेरी हार को रोक सके', हारने का बनाना चाहते हैं रिकॉर्ड

UPT | नामांकन पत्र खरीदने के बाद लौटते निर्दलीय प्रत्याशी हसनू राम

Apr 12, 2024 19:43

एक राजनीतिक दल ने अमीन की ऐसी ज़िंदगी बदली कि वह हर साल चुनाव में तो उतरते हैं लेकिन जीतने के लिए नहीं बल्कि हारने के लिए, जी हाँ। आगरा में एक ऐसा भी प्रत्याशी है जो इस बार 100 वां चुनाव लड़ने जा रहा है। लेकिन जीतने का लक्ष्य लेकर नहीं बल्कि हारने के लिए मैदान में उतर रहा...

Agra News : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जहां राजनीतिक दल एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। चुनाव जीतने के लिए व्यक्तिगत आक्षेप भी लगाए जा रहे हैं। प्रत्याशी हर हाल में इस चुनावी वैतरणी को पार करना चाहते हैं तो वहीं आगरा जनपद में एक ऐसा भी प्रत्याशी है जो चुनाव हारने के लिए ही मैदान में आता है। हम आगरा के हसनू राम की बात कर रहे हैं। जो अभी तक 98 चुनाव में हारने के लिए ताल ठोक चुके हैं और वह इस लोकसभा चुनाव-2024 में 100वां चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उन्‍हें इस बार भी चुनाव हारने से कोई नहीं रोक सकता है।

98 चुनाव लड़ चुके हैं हसनू राम
बताते चलें कि हसनू राम सिर्फ हारने के लिए अब तक 98 चुनाव लड़ चुके हैं। अंबेडकरी हसनू राम एक बार फिर से चुनावी मैदान में ताल ठोकने जा रहे हैं। हसनू राम का यह 100वां चुनाव है और उनका दावा है कि किसी में दम नहीं है जो उन्हें हारने से रोक सके। हसनू राम 100 चुनाव हार कर एक रिकॉर्ड बनाना चाहते थे जो उनका सपना लोकसभा 2024 में पूरा होने जा रहा है। 77 साल के हसनू राम अलग-अलग 98 चुनाव अब तक लड़ चुके हैं। आगरा में दो विधानसभा हैं और दोनों में उन्होंने नामांकन कराया है। उन्हें अपनी हार पर खुशी महसूस होती है। खेरागढ़ तहसील के नगला दूल्हा के निवासी हसनू राम के बार-बार चुनाव लड़ने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।

जानिए क्यों लड़ते हैं बार-बार चुनाव?
करीब 38 साल पहले एक बड़े राजनीतिक दल ने चुनाव लड़ाने का आश्वासन देकर हसनू राम को टिकट नहीं दिया था। हसनू राम को यही बात खल गई। इसके बाद से वह हर चुनाव लगातार लड़ते आ रहे हैं। हसनू राम पहले राजस्व विभाग में अमीन के पद पर कार्यरत थे, लेकिन चुनाव के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। नौकरी छोड़ने के बावजूद जब उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला, तब उन्होंने नगर निगम, विधानसभा से लेकर लोकसभा तक प्रत्येक चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। 15 अगस्त 1947 को जन्मे हसनू राम अंबेडकरी पहले वामसेफ में भी सक्रिय रह चुके हैं। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से टिकट मांगा था, पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा कि तुम्हें तुम्हारी पत्नी का भी वोट नहीं मिलेगा, ऐसे में चुनाव लड़कर क्या करोगे? इसके बाद से हसनू राम ने हार को गले लगाने का संकल्प ले लिया।

चुनाव में हारना ही उनके जीवन का उद्देश्य
हसनू राम ने लोकसभा से लेकर विधानसभा, सहकारी बैंक, एमएलसी सहित विभिन्न चुनाव लड़ चुके हैं। लोकसभा 2024 में भी हसनू राम ने आगरा जिले की आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से मैदान में उतरने का फैसला किया है। शुक्रवार को नामांकन पत्र खरीदने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'उनकी हार तय है और किसी में इतनी ताकत नहीं है जो उन्हें हारने से रोक सके।' उन्होंने कहा कि 'सभी प्रत्याशी चुनावी रण में जीतने के लिए ताल ठोकते हैं और जीत के लिए हर हथकंडा अपनाते हैं, लेकिन मैं सिर्फ चुनाव हारने के लिए ही चुनावी मैदान में उतरता हूं। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में हारना ही उनके जीवन का उद्देश्य है।'

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