Aligarh News: एएमयू के शिक्षक डॉ.तसद्दुक़ हुसैन नहीं रहे, शिक्षक बिरादरी ने जताया शोक

Uttar Pradesh Times | डॉ. तसद्दुक हुसैन

Jan 24, 2024 18:48

एएमयू के शिक्षक डॉ. तसद्दुक हुसैन का निधन हो गया। एएमयू से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे। एएमयू के कुलपति प्रो. मुहम्मद गुलरेज ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

Short Highlights
  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में बतौर लेक्चरर और रीडर कार्यरत रहे
  • डॉ. तसद्दुक हुसैन दृष्टिहीन थे, लेकिन इसे कभी बाधा न बनने दिया

 

Aligarh News : शानदार शख्सियत के मालिक,बेहद ज़िंदादिल और बेबाकी से अपनी बात रखने वाले इंसान डॉ. तसद्दुक हुसैन का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें बुधवार को यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और उनके शुभचिंतकों की उपस्थिति में कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। डॉ. तसद्दुक हुसैन दृष्टिहीन थे। लेकिन इसे कभी बाधा न बनने दिया। एएमयू से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे।

इस्लामिक दर्शन के विशेषज्ञ थे डॉ.हुसैन 
डॉ. तसद्दुक हुसैन 1980 से 2005 तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में बतौर लेक्चरर और रीडर कार्यरत रहे। वे इस्लामिक दर्शन के विशेषज्ञ थे। उन्होंने प्रो. नूर नबी के निर्देशन में 'शाह वलीउल्लह के दर्शन' पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में उन्होंने शोध पत्र प्रस्तुत किये। वे 'अलीगढ़ जर्नल ऑफ इस्लामिक स्टडीज' के संपादकीय बोर्ड के सदस्य रहे। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की एकेडेमिक काउंसिल के निर्वाचित सदस्य भी रहे। दर्शनशास्त्र के अतिरिक्त उन्होंने अंग्रेजी में भी एमए किया था। उर्दू और अंग्रेजी साहित्य के अतिरिक्त शास्त्रीय संगीत में भी उनकी गहरी पैठ थी। अलीगढ़ के साहित्यिक और संगीतिक कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय और उल्लेखनीय भूमिका रहती थी ।

बचपन में ही पूर्ण अंधता के शिकार थे
डॉ. तसद्दुक़ हुसैन बहुत बचपन में ही पूर्ण अंधता के शिकार हो गये थे, किंतु आजीवन उन्होंने अपनी इस विकलांगता को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया। वे प्रत्येक काम के लिए अकेले ही चला करते थे। उन्होंने कभी इस संदर्भ में अपने लिए किसी भी क़िस्म की रियायत नहीं चाही , न स्वीकार की। उन्होंने दिव्यांगता पर विजय प्राप्त कर ली थी। वे नेशनल फेडरेशन फॉर ब्लाइंड से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। इस संदर्भ में उन्होंने अनेक अधिकार दिलाने के लिए निरंतर संघर्ष किया और सफलता प्राप्त की ।

एएमयू बिरादरी में शोक 
डॉ. तसद्दुक़ हुसैन के निधन पर एएमयू की शिक्षक बिरादरी शोक में है और अनेकविध रूप से उनकी ज़िंदादिली, सक्रियता, बाधाओं को जीत लेने की क्षमता, लोगों से दिली लगाव, धर्मनिरपेक्षता का स्मरण कर रही है। आज उनको सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति के दौरान यह देखने को मिला। एएमयू के कुलपति प्रो. मुहम्मद गुलरेज ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

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