Weather Forecast: 5 फरवरी तक बिगड़ा रहेगा अलीगढ़ का मौसम, जिला प्रशासन ने जारी की चेतावनी

फ़ाइल फोटो | प्रतीकात्मक फोटो

Feb 04, 2024 13:23

5 फरवरी तक अलीगढ़ में आंधी के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान तेज आंधी आने की भी संभावना है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।

Short Highlights
  • घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें और यदि संभव हो तो यात्रा करने से बचें
  • ओलावृष्टि से खुले में रहने वाले लोगों और जानवरों के घायल होने की आशंका है

 

Aligarh News : अलीगढ़ में 5 फरवरी तक आंधी और तूफान के साथ बारिश की संभावना है, जिसके लिए जिला प्रशासन ने बचाव और सुरक्षा उपाय बताए हैं। 

ओलावृष्टि की भी की गई संभावना 
अपर जिलाधिकारी नगर एवं प्रभारी अधिकारी आपदा मीनू राणा ने बताया है कि प्रदेश में  5 फरवरी तक आंधी या गरज के साथ बारिश की संभावना है। फिलहाल उत्तर भारत में 250-260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। उन्होंने मौसम पूर्वानुमान एवं चेतावनी की जानकारी देते हुए बताया कि इस मौसम के प्रभाव से 5 फरवरी तक राज्य में आंधी-तूफान के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इस दौरान तेज आंधी चलने की भी संभावना है। 04-05 फरवरी को राज्य में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और 4 फरवरी को अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि होगी।

तूफान के दौरान कंक्रीट के फर्श पर न लेटें
इस मौसम के प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी देते हुए एडीएम ने बताया कि तेज हवा, ओलावृष्टि, आंधी-तूफान से बागवानी और खड़ी फसलों के साथ-साथ जर्जर भवनों, कच्चे मकानों और झोपड़ियों को नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि मध्यम बारिश की स्थिति में सड़कों पर फिसलन और टूटी सड़कों पर जल जमाव की संभावना रहती है। ओलावृष्टि से खुले में रहने वाले लोगों और जानवरों के घायल होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें और यदि संभव हो तो यात्रा करने से बचें। तूफान के दौरान सुरक्षित आश्रय लें। पेड़ों, टिन या धातु के शेड के नीचे आश्रय न लें, खुले में रहना बेहतर है। तूफान के दौरान कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों पर न झुकें। इस समय, बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को तुरंत बंद कर दें।

सड़क पर यात्रा करने के दौरान सावधानी रखें
सड़क पर यात्रा करने के दौरान सावधानी रखें और बिजली का संचालन करने वाली सभी वस्तुओं से दूर रहें। जलस्रोतों निकायों से तुरंत बाहर निकलें। ओलावृष्टि के दौरान पशुओं को पेड़ों के नीचे न बांधें, सुरक्षित छायादार स्थान पर आश्रय लें तथा पशुओं को भी सुरक्षित छायादार स्थान पर बांधें। फिसलन भरी या पानी भरी सड़कों पर यात्रा करते समय सावधान रहें। जलभराव की स्थिति में खड़ी फसलों से अतिरिक्त वर्षा जल की निकासी की उचित व्यवस्था करें। ओलावृष्टि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बागवानी एवं सब्जी फसलों में उपलब्धता के आधार पर एंटी हेल नेट का प्रयोग करें तथा कृषि मंडियों में खुले में रखे अनाज को भीगने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर भंडारण करें।

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