हाथरस सत्संग कांड : छोटेलाल सड़क पर साकार भोले बाबा की गाड़ियों का काफिला निकलवा रहे थे, पंडाल में भगदड़ में दब कर पत्नी और बेटे की हुई मौत 

UPT | पिलखना में मृतकों का अंतिम संस्कार करते ग्रामीण।

Jul 04, 2024 19:50

साकार भोले बाबा के सत्संग में सुरक्षा गार्ड के रुप में काम करने वाले उनके अनुयाई छोटेलाल की पत्नी और बच्चे की भगदड़ में दब कर मौत हो गई।  गुरुवार को कस्बा अकराबाद के पिलखना में तीन महिलाओं व बच्चे समेत चार के शव का अंतिम संस्कार किया गया।

Short Highlights
  • छोटे लाल अपने परिवार को बचाने के लिए भागे, लेकिन नहीं बचा पाए
  • 80 हजार की थी परमिशन और ढाई लाख लोग सत्संग में पहुंचे 
Aligarh News : साकार भोले बाबा के सत्संग में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने वाले उनके अनुयाई छोटेलाल की पत्नी और बच्चे की भगदड़ में दब कर मौत हो गई। गुरुवार को कस्बा अकराबाद के पिलखना में तीन महिलाओं व बच्चे समेत चार के शव का अंतिम संस्कार किया गया। छोटेलाल साकार भोले बाबा सत्संग में काफिले को सकुशल निकलवाने के लिए सड़क पर ड्यूटी कर रहा था। वहीं, पांडाल में साकार भोले बाबा के पैरों की धूल लेने के लिए मची भगदड़ में पत्नी मंजू  और पुत्र पंकज चपेट में आ गये. भीड़ में दबने से दोनों की मौत हो गई। थाना अकराबाद के पिलखना गांव में चारों शवों का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।  

छोटे लाल अपने परिवार को बचाने के लिए भागे. लेकिन नहीं बचा पाए
छोटेलाल ने बताया कि सिकंदराराऊ में साकार भोले बाबा के सत्संग में गए थे और सत्संग के समापन के बाद मेरी ड्यूटी हाईवे पर ही लगी थी।  मेरी पत्नी बच्चे को लेकर सत्संग पांडाल के अंदर थी। सत्संग समापन के बाद भीड़ साकार भोले बाबा के पैरों की धूल लेने के लिए भागी हैं। इस भगद़ड़ के बीच  पत्नी और बच्चे चपेट में आ गए और भीड़ के बीच दब गये। छोटे लाल अपने परिवार को बचाने के लिए भागे. लेकिन बचा नहीं पाये। इस हादसे में अकराबाद के पिलखना के रहने वाले चार लोगों की मौत हुई है। जिसमें छोटेलाल की पत्नी और बच्चे शामिल हैं। छोटेलाल की पत्नी का नाम मंजू  और बच्चे का नाम पंकज था। दो अन्य महिलाएं प्रेमवती और शांति की भी भगदड़ में दबकर मौत हो गई।  

80 हजार की थी परमिशन और ढाई लाख लोग सत्संग में पहुंचे 
 
छोटेलाल ने बताया की पत्नी और बच्चे के गुजर जाने से मेरा जीवन ही खत्म हो गया। वहीं छर्रा इलाके के रहने वाले सुनील सागर ने बताया कि यह दुखद घटना है. इस घटना में प्रशासन भी पूर्ण रूप से दोषी है क्योंकि परमिशन 80 हजार लोगों की थी और ढाई लाख आदमी सत्संग में पहुंच गया। यह प्रशासन की कमी है। सुनील सागर ने शासन से मांग की है कि मृतक परिवार को 50 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी दी जाएं। 

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