पिता ने दिया समाज को संदेश : हाथरस में 100 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा में बेटियों को रखा साथ

UPT | कांवड़ के साथ दोनों बेटियां।

Aug 20, 2024 01:39

हाथरस जिले में सावन के आखिरी सोमवार को एक पिता 100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके गंगाजल के साथ-साथ कांवड़ में बैठाकर अपनी दो बेटियों को भी साथ लेकर आया।

Hathras News : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सावन के अंतिम सोमवार को एक अनोखी कांवड़ यात्रा ने लोगों का ध्यान खींचा। हसायन कोतवाली क्षेत्र के गांव बदनपुर निवासी अनिल ने कासगंज के सोंरो गंगा घाट से 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर अपनी कांवड़ में गंगाजल के साथ-साथ अपनी पांच साल की जुड़वां बेटियों को भी बैठाकर गांव पहुंचाया। इस अनूठी यात्रा का उद्देश्य समाज को यह संदेश देना था कि बेटियां किसी भी तरह से बेटों से कम नहीं हैं।

हाथरस में पिता ने दिया समाज को संदेश
अनिल की यह यात्रा इलाके में चर्चा का विषय बनी रही। जहां आमतौर पर लोग कांवड़ यात्रा में गंगाजल लेकर आते हैं, वहीं अनिल ने अपनी कांवड़ में अपनी दोनों बेटियों को भी बिठाकर यह संदेश दिया कि बेटियों का सम्मान और उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। अनिल ने अपनी कांवड़ यात्रा के दौरान मंदिर में जाकर बाबा भोलेनाथ का गंगाजल से जलाभिषेक भी किया।



बेटियां भी समाज की महत्वपूर्ण हिस्सा
अनिल ने अपनी इस अनोखी यात्रा के पीछे की भावना को स्पष्ट करते हुए कहा कि अक्सर लोग श्रवण कुमार की तरह अपने माता-पिता को कांवड़ में लेकर आते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को कांवड़ में इसलिए बिठाया ताकि समाज में यह संदेश जाए कि बेटियों पर अत्याचार बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटियां भी समाज की महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें वह सम्मान मिलना चाहिए जो बेटों को मिलता है।

बेटियां बेटों से कम नहीं
अनिल का मानना है कि आज के समय में बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए और समाज को भी अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। अनिल ने इस अवसर पर बेटियों की शिक्षा और उन्नति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बेटियों को पढ़ा-लिखाकर उन्हें आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए ताकि वे भी समाज में अपनी जगह बना सकें और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।

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