एक तरफ बाबा के पांव छू लेने की होड़ थी, दूसरी तरफ सेवादारों की बंदिशें। लोग उनकी बंदिशें तोड़कर भागे और मौत की सरहद में जा धंसे। कोई धक्के से गिरा तो कोई फिसलकर। किसी का सीना कुचला तो किसी का सिर।
Jul 03, 2024 17:42
एक तरफ बाबा के पांव छू लेने की होड़ थी, दूसरी तरफ सेवादारों की बंदिशें। लोग उनकी बंदिशें तोड़कर भागे और मौत की सरहद में जा धंसे। कोई धक्के से गिरा तो कोई फिसलकर। किसी का सीना कुचला तो किसी का सिर।