प्राण प्रतिष्ठा के इस उत्सव में सहभागिता औऱ आराध्य के दर्शनों के लिए जनमानस इतना उतावला और व्यग्रता के साथ अयोध्या धाम कूच करेगा इसका अनुमान न तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को था न ही सरकारी एजेंसियों को। जिसके चलते आस्था के इस समुद्र को रोकने में सारी व्यवस्थाएं धराशायी हो गईं।