यूपी के पुजारी लेंगे वेदों, शास्त्रों के साथ कंप्यूटर और अंग्रेजी का ज्ञान : कई जगहों पर खोले जाएंगे प्रशिक्षण केंद्र

UPT | Ram Mandir

Aug 12, 2024 02:04

सबसे बड़ी दिक्कत पुजारियों को सम्बन्धित देश के श्रद्धालुओं की बोली जाने वाली भाषा का ज्ञान न होना भी है। यही कारण है कि एक ऐसे विशेष प्रशिक्षण केंद्र की जरूरत महसूस की जा रही है जो ऐसे पुजारियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा...

Ayodhya News :  विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा शुरू की गई छह मासिक पुजारी प्रशिक्षण योजना का विस्तार करने की योजना बना रही है। इसके लिए अयोध्या और अन्य स्थानों में स्थायी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। 

प्रशिक्षण में शामिल होगा:
  • वैष्णव परंपरा में पूजन की शास्त्रीय विधि
  • आवश्यक कर्मकांड
  • अंग्रेजी भाषा
  • कंप्यूटर ज्ञान
  • वैदिक पूजन परंपरा का वैज्ञानिक महत्व
योजना का लक्ष्य
इस पहल का लक्ष्य है कि प्रशिक्षित पुजारियों को विशेषज्ञता प्रदान करना, जो भारतीय ज्ञान परंपरा को देश-विदेश में प्रसारित कर सकें। विहिप एक मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय के साथ सहयोग कर प्रशिक्षित पुजारियों को डिग्री या डिप्लोमा प्रदान करने की योजना बना रही है।  बता दें प्रशिक्षण निःशुल्क होगा और प्रशिक्षुओं को आवास सुविधा भी प्रदान की जाएगी। प्रारंभिक योजना में 21 पुजारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिन्हें राम मंदिर में नियुक्ति का अवसर दिया गया है।



युवा भक्तों के साथ घुलमिल सकेंगे पुजारी 
सबसे बड़ी दिक्कत पुजारियों को सम्बन्धित देश के श्रद्धालुओं की बोली जाने वाली भाषा का ज्ञान न होना भी है। यही कारण है कि एक ऐसे विशेष प्रशिक्षण केंद्र की जरूरत महसूस की जा रही है जो ऐसे पुजारियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा। इस प्रशिक्षण के माध्यम से पुजारी/पुरोहित युवा भक्तों के साथ घुलमिल सकेंगे और आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरीकों से उनकी शंकाओं का समाधान कर सकेंगे।

पुरोहितों को किसी विश्वविद्यालय से डिग्री या डिप्लोमा प्रमाण दिलाने पर मंथन योजना के अनुसार, 30 छात्रों का एक बैच, जो अनिवार्य रूप से विहिप व अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों द्वारा संचालित 'वेद विद्यालयों' से निकाला जाएगा। सम्बद्ध विश्वविद्यालय विहिप द्वारा संचालित विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को डिग्री अथवा डिप्लोमा या अन्य प्रमाण पत्र प्रदान करे जिससे छात्रों को दूसरे देशों में नौकरी पाने में भी मदद मिल सके।

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