मंगेश यादव एनकाउंटर : मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, परिवार और सपा ने उठाए थे सवाल, इस लेडी अफसर को मिली जिम्मेदारी

UPT | मंगेश यादव और एसडीएम विदुषी सिंह

Sep 07, 2024 12:42

सुल्तानपुर में हुए कुख्यात डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर की जांच अब मजिस्ट्रेट स्तर पर की जाएगी। जिलाधिकारी के आदेश पर लंभुआ एसडीएम विदुषी सिंह को इस मामले की जांच सौंपी गई है।

Sultanpur News : सुल्तानपुर में हुए कुख्यात डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर की जांच अब मजिस्ट्रेट स्तर पर की जाएगी। जिलाधिकारी के आदेश पर लंभुआ एसडीएम विदुषी सिंह को इस मामले की जांच सौंपी गई है। यह जांच 15 से 20 दिनों के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। मंगेश यादव, जो कि एक लाख रुपये का इनामी डकैत था, 5 सितंबर को सुल्तानपुर के देहात कोतवाली थाना क्षेत्र में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।

मंगेश यादव का एनकाउंटर
मंगेश यादव उत्तर प्रदेश का एक कुख्यात अपराधी था, जो सर्राफा व्यापारियों को लूटने की कई वारदातों में शामिल था। वह विशेष रूप से एक बड़ी डकैती में शामिल था, जिसमें सर्राफा व्यवसायी के यहां डकैती डाली गई थी। पुलिस के अनुसार, मंगेश यादव कई अपराधों का मास्टरमाइंड था और पिछले कई महीनों से फरार चल रहा था। राज्य पुलिस ने मंगेश यादव को पकड़ने के लिए एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।न 5 सितंबर को सुल्तानपुर जिले के देहात कोतवाली थाना क्षेत्र में पुलिस को मंगेश यादव की मौजूदगी की सूचना मिली थी। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर मंगेश को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने मंगेश यादव को मार गिराया। एनकाउंटर के बाद पुलिस ने बताया कि मंगेश यादव की लूटपाट और डकैती की घटनाओं से क्षेत्र में आतंक का माहौल था और उसकी मौत से लोगों को राहत मिली है।

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मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
एनकाउंटर के बाद से यह मामला चर्चा में है और इसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई लोगों ने मुठभेड़ की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जांच की जिम्मेदारी लंभुआ की एसडीएम विदुषी सिंह को सौंपी गई है, जिन्हें 15 से 20 दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

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मजिस्ट्रेट जांच का उद्देश्य
इस मजिस्ट्रेट जांच का मुख्य उद्देश्य यह होगा कि मंगेश यादव का एनकाउंटर पुलिस की सही प्रक्रिया के तहत हुआ था या नहीं। यह जांच करेगी कि क्या एनकाउंटर में किसी प्रकार की अनुचित कार्रवाई हुई, या मुठभेड़ को लेकर कोई संदिग्ध तथ्य सामने आए हैं। एनकाउंटर की पारदर्शिता और न्यायसंगतता सुनिश्चित करने के लिए यह जांच जरूरी मानी जा रही है। एसडीएम विदुषी सिंह इस पूरे मामले की विस्तृत जांच करेंगी, जिसमें घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, पुलिस रिकॉर्ड, और अन्य महत्वपूर्ण सबूतों की समीक्षा की जाएगी।

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पुलिस की भूमिका पर बारीकी से नजर
जांच में पुलिस की भूमिका पर भी बारीकी से नजर रखी जाएगी। यह देखा जाएगा कि एनकाउंटर के समय पुलिस ने आत्मरक्षा में ही कार्रवाई की थी या नहीं, और क्या यह मुठभेड़ एक असली एनकाउंटर थी या इसे लेकर किसी प्रकार की संदेहास्पद स्थिति बनी हुई है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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